केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादा संपत्ति वालों के, नेताओं के पीए और पीएस ज्यादा गर्म रहते हैं। चाय से ज्यादा केतली गर्म होती है। जिनके पास 10-20 करोड़ रुपये आ जाते हैं, उसके अंदर अहंकार आ जाता है। वो गाना शुरू कर देते हैं कि साला मैं तो साहब बन गया, साहब बनकर कैसा तन गया, ये रूप मेरा देखो। ज्ञान, विज्ञान, सत्ता और संपत्ति, सफलता जितनी मिलती है लोग आगे बढ़ते हैं लेकिन इसमें अहंकार मत कीजिए। आत्मविश्वास और अहंकार में काफी फर्क है। अहंकार काम का नहीं है। शालीनता, नम्रता, सहजता, सरलता ये सब महत्वपूर्ण है। यह सभी उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो प्रशासन चलाते हैं।
नितिन गडकरी ने रतन टाटा का दिया उदाहरण
उन्होंने कहा कि ज्ञान, तंत्रज्ञान, सत्ता, संपत्ति, पर्सनालिटी, व्यापार, फायदा इसका अहंकार मत रखिए। ईडी वाले आते हैं तो कैसे उतर जाती है। इनकम टैक्स वाले आते हैं तो हालत कैसी हो जाती है। फाइनेंशियल ऑडिट जरूरी है। लेकिन परफॉर्मेंस ऑडिट इससे ज्यादा महत्वपूर्ण है। दरअसल नागपुर में एक कार्यक्रम में पहुंचे नितिन गडकरी ने यह बयान दिया है। रतन टाटा का उदाहरण देते हुए नितिन गडकरी ने कहा, एक बार रतन टाटा उनके घर उनसे मिलने आ रहे थे। वे घर का पता भूल गए। रतन टाटा ने नितिन गडकरी को फोन करके सही पता पूछा। तब नितिन गडकरी ने उसने कहा कि आप अपने ड्राइवर से बात कराइए। तब टाटा ने कहा कि वो खुद गाड़ी चला रहे हैं। तब मैंने कहा कि आप इतने बड़े आदमी हैं, आपके पास ड्राइवर नहीं है। उन्होंने कहा कि नहीं है, मैं खुद गाड़ी चला रहा हूं।"
पैसे आने पर लोग गाने लगते हैं गाना
नितिन गडकरी ने कहा, एक बार मैं खुद नागपुर आया। मेरे हाथ में एक बैग था। उस समय मैं राज्य में मंत्री था। अपने सहायक से मैंने कहा कि रतन जी का बैग अपने हाथ में लो। यह बात सुनते ही रतन टाटा ने तुरंत कहा कि नहीं नितिन बैग मेरा है, मैं इसे उठाऊंगा। इतनी बड़ी संपत्ति होने के बाद कितनी शालीनता, कितनी सहजता, कितनी विनम्रता है। यहां तो 10 या 20 करोड़ आ गए तो लोग गाना शुरू कर देते हैं। ऐसे लोगों को रेलवे स्टेशन पर ट्रेन दो नंबर प्लैटफॉर्म पर खड़ी होगी तो उन्हें चलने में तकलीफ होगी। नितिन गडकरी ने आईएएस ऑफिसरों को लेकर कहा कि मैं मजाक में कहता हूं कि आप तो सभी विषय के ज्ञान हैं। हम मंत्री हैं अंगूठा छाप हैं। आप आईएएस हैं आपके हिसाब से चलेगा। तुमने ठेका लिया है क्या। समस्या ये है कि कोई आदमी एक विषय का एक्सपर्ट हो सकता है, 10 विषयों का नहीं।