
महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे अपने विवादित बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं। अब उनका एक और बयान आया है, जिसमें उन्होंने इस्लाम धर्म और कुरान के बारे में कहा। राणे ने कहा कि जिनको इस्लाम धर्म अभी तक समझ में नहीं आया, जिनको कुरान का सही अर्थ नहीं समझ आया है, उन्हें अब सुधारने का वक्त आ गया है। यह बयान उन्होंने नागपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत के दौरान दिया।
एक सवाल पर नितेश राणे ने कहा कि वे खुद कभी बिगड़े हुए नहीं थे और धर्म की बात करने वाले लोग कभी बिगड़ते नहीं हैं। उनका कहना था कि वे खुद हमेशा सुधारने वाले लोग हैं और उलटे जिनको इस्लाम के बारे में सही ज्ञान नहीं है, उन्हें सुधारने की जरूरत है।
शिवसेना को लेकर क्या बोले?
इसके अलावा, जब उनसे यह सवाल किया गया कि उनके सहयोगी मंत्री संजय शिरसाठ का कहना है कि शिवसेना को एक हो जाना चाहिए, तो इस पर राणे ने कहा कि यह शिरसाठ का व्यक्तिगत मत है और उन्हें यह सवाल एकनाथ शिंदे से पूछना चाहिए कि इस बारे में उनका क्या विचार है।
बुर्का बैन का उठाया था मुद्दा
इससे पहले नितेश राणे ने बोर्ड की परीक्षा देने वाली छात्राओं के बुर्का पहनने पर रोक लगाने का मुद्दा उठाया था। नितेश राणे ने इस मुद्दे को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री दादा भूसे को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि परीक्षा केंद्रों पर बुर्का पहनने से सुरक्षा और नकल संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
राणे का कहना था कि 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा देने वाली छात्राओं को बुर्का पहनने की अनुमति नहीं होनी चाहिए, यदि आवश्यक हो तो जांच के लिए महिला पुलिस अधिकारी या महिला कर्मचारियों की नियुक्ति की जानी चाहिए। यदि परीक्षार्थियों को बुर्का पहनने की अनुमति दी गई, तो यह पता लगाना कठिन हो जाएगा कि नकल करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों या अन्य साधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है या नहीं।
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