मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को आरोप लगाया कि NIA मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को 'एंटीलिया बम' मामले में बचा रही है। उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर 'एंटीलिया' के पास मिली विस्फोटक सामग्री वाली एसयूवी के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी के आरोपपत्र के अनुसार, एक साइबर विशेषज्ञ ने उसे बताया कि सिंह ने उसे प्रारंभिक जांच के दौरान एक रिपोर्ट को 'संशोधित' करने के लिए कहा था। NCP प्रवक्ता व महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने मुंबई में दावा किया, 'NIA के आरोप पत्र के अनुसार, सिंह ने फर्जी सबूत बनाने के लिए (विशेषज्ञ को) 5 लाख रुपये का भुगतान किया।'
मलिक ने कहा, 'सिंह ही निष्कासित सचिन वाजे को पुलिस बल में वापस लेकर आए थे और उन्हें महत्वपूर्ण मामले दिए थे। फिर भी सिंह का नाम चार्जशीट में नहीं है।' NIA ने मामले में वाजे और 9 अन्य को गिरफ्तार किया है। मलिक ने कहा ‘हमें हमेशा संदेह था कि सिंह एंटीलिया मामले के मास्टरमाइंड थे। और सिंह ने बीजेपी के निर्देश पर राज्य के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाया।’ उन्होंने दावा किया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने 'केंद्र सरकार के दबाव में' अपने आरोपपत्र में कई असहज करने वाले तथ्य छुपाए हैं।
इससे पहले NIA ने अपनी चार्जशीट में कहा था कि बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने 'दबंग पुलिसकर्मी' की प्रतिष्ठा फिर से हासिल करने के लिए उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास एसयूवी खड़ी की थी, जिसमें विस्फोटक सामग्री मिली थी। चार्जशीट में कहा गया है कि इस घटना के बाद वाजे ने ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरन को 'कमजोर कड़ी' माना और उसकी हत्या कर दी गई। एनआईए ने आरोप लगाया कि पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा को हत्या को अंजाम देने की साजिश में शामिल किया गया।