मुम्बई। शिवसेना नेता संजय राउत ने बुधवार को दावा किया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और उनकी पार्टी के बीच मुख्यमंत्री पद साझा करने को लेकर सहमति हुई थी। राज्य में सरकार गठन को लेकर जारी खींचतान के बीच राउत ने यहां पत्रकारों से कहा कि सरकार गठन को लेकर भाजपा से न कोई नया प्रस्ताव मिला है और न उन्हें भेजा गया है। उन्होंने दावा किया कि किसान और कामकाजी वर्ग शिवसेना का मुख्यमंत्री चाहते हैं और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी से उन्हें उम्मीदें हैं। मुख्यमंत्री पद को लेकर सहमति कब होगी, इस सवाल पर राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘चुनाव से पहले ही पद को लेकर सहमति हो गई थी। ’’
राउत ने सरकार गठन को लेकर किसी भी नए प्रस्ताव की खबर को खारिज करते हुए कहा कि शिवसेना चुनाव से पहले तय हुई स्थिति पर ही सरकार गठन को राजी होगी। उन्होंने कहा, ‘‘ नए प्रस्ताव पर समय क्यों बर्बाद करें। हम पहले तय हुई बातों पर चर्चा करना चाहते हैं। कोई नया प्रस्ताव न मिला है और न भेजा गया है।’’
राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने की खबरों पर राउत ने कहा, ‘‘ हम इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। राष्ट्रपति शासन लागू करने की साजिश रचने वाले लोग जनादेश का अपमान कर रहे हैं। ’’ उन्होंने कहा कि बेमौसम बारिश के कारण नष्ट हुई फसलों से प्रभावित जिन-जिन क्षेत्रों का भी उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे ने दौरा किया है, वहां किसान और कामकाजी वर्ग उन्हें उम्मीदों से देख रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘ सभी शिवसेना का मुख्यमंत्री देखने को उत्सुक हैं।’’
राउत ने इस सवाल का उत्तर देने से इनकार कर दिया कि क्या राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) मुख्यमंत्री पद साझा करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, ‘‘ हम इस बारे में बात करेंगे।’’ शरद पवार ने नेतृत्व वाली राकांपा ने मंगलवार को कहा था कि शिवसेना द्वारा भाजपा के साथ गठबंधन समाप्त करने की घोषणा के बाद महाराष्ट्र में एक नए राजनीतिक विकल्प पर विचार किया जा सकता है। राकांपा से जुड़े सूत्रों ने बताया था कि उनकी पार्टी शिवसेना के साथ बातचीत आगे बढ़ाने से पहले चाहती है कि केन्द्र सरकार में शिवसेना के इकलौते मंत्री अरविंद सावंत इस्तीफा दें।
पिछले विधानसभा चुनाव के विपरीत भाजपा और शिवसेना ने यह चुनाव मिलकर लड़ा था। 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने इस बार 105 सीटें जीतीं जबकि शिवसेना 56 सीटों पर विजेता रही। मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों दलों के बीच खींचतान जारी है। शिवसेना इस पद के लिए 50:50 का फार्मूला चाहती है, लेकिन भाजपा इस पर तैयार नहीं है। राज्य में 24 अक्टूबर को चुनाव नतीजों की घोषणा की गई थी, जिसके 13 दिन बाद भी कोई पार्टी सरकार गठन के लिए आवश्यक 145 सीटें नहीं जुटा पाई है।