अपने सभी पुराने गिले शिकवे भुलाते हुए कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए हाथ मिला लिया है। दोनों ही पार्टियां महाराष्ट्र में मिलकर चुनाव लड़ेंगी। बता दें कि सोनिया गांधी के विदेशी मूल के होने चलते 1997 में शरद पवार ने कांग्रेस छोड़ अपनी अलग पार्टी बना ली थी। लेकिन करीब 21 साल के मनमुटाव को दूर करते हुए दोनों ही पार्टियों ने समझौता कर लिया है। महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 40 पर दोनों पार्टियों के बीच समझौता हो गया है। शेष 8 सीटों पर अगले कुछ दिनों में समझौता होने की संभावना है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में 80 सीटों के बाद सबसे ज्यादा सीटें महाराष्ट्र से ही आती हैं।
एनसीपी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने बताया कि कांग्रेस और एनसीपी ने 2019 के चुनावों के लिए आपस में सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा की है। हमारा हमेशा से ही मानना रहा है कि एक समान विचारधारा वाली पार्टियों को एक साथ आना चाहिए। मुझे पूरी उम्मीद है कि यह गठबंधन सफलता हासिल करेगा। पटेल ने कहा कि पार्टी सुप्रीमो शरद पवार ने 2019 के चुनावों की तैयारियों को लेकर पार्टी के सदस्यों से गहन चर्चा की है। उन्होंने कहा कि हम उस पार्टी से हमेशा हाथ मिलाना चाहते हैं जो बाबा साहब भीम राव अंबेडकर की विचारधारा में विश्वास रखती है।
सूत्रों के मुताबिक समझौते की घोषणा के बावजूद अभी कई सीटों पर सहमति नहीं बनी है, जैसे कि बीड की लोक सभा सीट, जिस पर अभी समझौता होना बाकी है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस और एनसीपी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा जल्द ही सभी सीटों पर समझौते को अंतिम रूप दिया जाएगा। दोनों ही पार्टियां अपने केंद्रीय नेतृत्व को सीटों के संबंध में ग्राउंड रिपोर्ट देंगे। जिसके बाद सीटों पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।