नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी संकट को लेकर उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को अपना निर्णय सुना दिया। कोर्ट ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को बुधवार को विधानसभा में शक्तिपरीक्षण के जरिए अपना बहुमत साबित करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही कहा है कि विधानसभा को प्रोटेम स्पीकर चुना जाए। कोर्ट के इस आदेश के मुख्य अंश निम्नलिखित हैं:
-महाराष्ट्र के राज्यपाल सुनिश्चित करेंगे कि शक्ति परीक्षण 27 नवंबर को हो।
-इस कार्य के लिए अस्थाई अध्यक्ष की तत्काल नियुक्ति की जाएगी।
- सभी निर्वाचित सदस्य 27 नवंबर यानी बुधवार को ही शपथ ग्रहण करेंगे और यह प्रक्रिया बुधवार की शाम पांच बजे तक पूरी होनी चाहिए।
- इसके तत्काल बाद अस्थायी अध्यक्ष यह पता लगाने के लिए शक्ति परीक्षण कराएंगे कि क्या फडणवीस के पास बहुमत है या नहीं और यह कार्यवाही कानून के अनुसार की जाएगी।
-शक्ति परीक्षण के दौरान गुप्त मतदान नहीं होगा।
-कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जाना चाहिए और इसे सुनिश्चित करने के लिए उचित प्रबंध किए जाने चाहिए।
-न्यायालय ने कहा कि राजनीतिक क्षेत्र में अलोकतांत्रिक और अवैध गतिविधियों को रोका जाना चाहिए।
-न्यायालय ने कहा कि यदि शक्ति परीक्षण में देरी होती है तो विधायकों की खरीद
-फरोख्त होने की आशंका है और इसलिए उसका यह कर्तव्य बनता है कि वह लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने के लिए कदम उठाए।
-फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के राज्यपाल के फैसले के खिलाफ शिवसेना
-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन की याचिका पर केंद्र और अन्य को जवाब देने के लिए आठ सप्ताह का समय दिया गया।