मुंबई में आम लोगों के लिए शुक्रवार की शुरुआत भी मुसीबतों से भरी हुई है। मुंबई की लाइफ लाइन कही जाने वाले पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम ‘बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति और परिवहन’ (बेस्ट) के कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल चौथे दिन शुक्रवार को भी जारी रही, जिसके चलते महानगर में लाखों यात्रियों की परेशानियां और बढ़ गई । एक अधिकारी ने बताया कि सुबह से बेस्ट की एक भी बस मुंबई की सड़कों पर नहीं उतरी।
यात्रियों ने शिकायत की है कि ऑटो-रिक्शा और टैक्सी चालक सामान्य दरों के मुकाबले बहुत अधिक पैसे ले रहे हैं। कुछ परेशान यात्रियों ने महाराष्ट्र सरकार से विरोध प्रदर्शन को समाप्त करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की अपील की है। बेस्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गतिरोध के जल्द समाप्त होने की उम्मीद जताई है।
बेस्ट के लगभग 32,000 कर्मचारी, वेतनमान बढ़ाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर मंगलवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये थे। राज्य सरकार ने हड़ताल कर रहे कर्मचारियों के खिलाफ तत्काल महाराष्ट्र आवश्यक सेवा प्रबंधन अधिनियम (एमईएसएमए) लगाया। साथ ही ‘बेस्ट’ के प्रबंधन ने उन्हें अपनी हड़ताल खत्म करने और बातचीत के लिए आने की अपील की है।
बेस्ट प्रशासन ने बुधवार को कार्रवाई के तहत 2,000 से अधिक कर्मचारियों को नोटिस जारी कर उपक्रम द्वारा प्रदान किए गए मकानों को खाली करने के लिए कहा था। प्रबंधन ने बेस्ट वर्कर्स यूनियन के नेता शशांक राव के साथ भी बातचीत की, लेकिन उसका कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकल सका। बेस्ट के एक अधिकारी ने बताया कि शिवसेना समर्थित यूनियन, बेस्ट कामगार सेना हड़ताल से अलग हो गई है। इसके बावजूद बुधवार को बेस्ट की केवल 11 बसें ही सड़कों पर चलीं।