मुंबई: मुंबई के निकट अरब सागर तट पर बनाई जा रही छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर 3643.78 करोड़ रूपये की लागत आएगी और इस परियोजना के सभी पक्षों का निर्माण 2022-23 तक पूरा कर लिया जाएगा। सरकार द्वारा इस काम के लिए निर्धारित समय सारणी के अनुसार प्रतिमा और समुद्र में दीवार बनाने का काम 2019-20 में शुरू किया जाएगा।
पिछले सप्ताह जारी एक सरकारी आदेश में कहा गया कि राज्य मंत्रिमंडल ने एक नवंबर, 2018 को परियोजना के लिए प्रशासनिक स्वीकृति और 3700.84 करोड़ रुपये के कुल व्यय को मंजूरी दी थी। राज्य सरकार द्वारा दी गई आधिकारिक मंजूरी के अनुसार, नई लागत अब 56.70 करोड़ रुपये कम होकर 3643.78 करोड़ रूपये होगी।
बता दें कि शिवाजी की प्रतिमा के बारे में पहले खबरें आई थी कि इसे दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा के हिसाब से बनाया जाएगा। लेकिन, कुछ दिन पहले शिवसेना ने कहा था कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के महाराष्ट्र प्रमुख जयंत पाटिल ने दावा किया है कि पटेल की प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बनी रहे इसलिए मुंबई में समुद्र में बननेवाली छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा की ऊंचाई कम कर दी गई है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा था कि पटेल की प्रतिमा ऊंची साबित हो इसीलिए शिवाजी की प्रतिमा की ऊंचाई को कम करना ‘संकुचित, विकृत मानसिकता’ की निशानी है। उसने लिखा है कि मुख्यमंत्री ने जिस हिम्मत से मराठा आरक्षण की घोषणा की, उसी साहस से शिवाजी की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा के निर्माण की घोषणा करनी चाहिए।
(इनपुट- भाषा)