कहते हैं कि डॉक्टर भगवान का रूप होता है, लेकिन जब यही भगवान किसी की जान ले ले, तो इनके खिलाफ पुलिस थाने में मामला भी दर्ज होता है। घटना महाराष्ट्र के नागपुर की है, जहां ऑपरेशन के समय लापरवाही बरतना डॉक्टरों को भारी पड़ गया। महिला की मौत के मामले पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने सरकारी मेडिकल अस्पताल के डीन राज गजभिए सहित 11 डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद नागपुर के अजनी पुलिस थाने में सभी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
सर्जरी कर गांठ निकालने की सलाह
दरअसल, केवलराम पांडुरंग पटोले की पत्नी गले में एक मामूली सी गांठ का इलाज कराने नागपुर के मेडिकल सरकारी अस्पताल में पहुंचीं। जहां सर्जरी विभाग के प्रमुख होने के नाते डॉ. गजभिए ने महिला के पति केवलराम पांडुरंग पटोले को सर्जरी कर गांठ निकालने की सलाह दी। डॉक्टर की सलाह पर पटोले ने 5 जुलाई को अपनी पत्नी पुष्पा को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां 6 जुलाई को सुबह 8:00 बजे ऑपरेशन हुआ।
ऑपरेशन में लापरवाही बरतने का आरोप
ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों की ओर से बताया गया कि मरीज की हालत बेहद चिंताजनक है और बचने की उम्मीद बहुत कम है। इसी के साथ डॉक्टरों ने उन्हें आईसीयू में भर्ती करने की बात कही। 7 जुलाई 2019 को शाम होते-होते डॉक्टर ने पुष्पा को मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने मौत का कारण हार्ट अटैक बताया। पत्नी के ऑपरेशन में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए पटोले ने 30 जून 2020 को डॉ. गजभिए सहित अन्य डॉक्टरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर मेडिकल प्रशासन ने एक जांच समिति का गठन किया और अपनी रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट में समिति ने महिला की मौत हार्ट अटैक से होने की बात कही।
अदालत के आदेश पर मामला दर्ज
अस्पताल प्रशासन की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं करते हुए पटोले ने वैद्यकीय मंत्रालय में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद नई समिति का गठन किया गया, जिसने ऑपरेशन में लापरवाही बरतने की बात कही। इस रिपोर्ट के आधार पर पटोले ने निचली अदालत में याचिका लगाई और लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने अजनी पुलिस को मामला दर्ज करने का आदेश दिया।
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