सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत 16 विधायकों के अयोग्य ठहराए जाने पर फैसला लेने का अधिकार महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर पर छोड़ दिया है। कोर्ट ने स्पीकर को रीजनेबल टाइम में यह फैसला लेने को कहा है, जिसमें कोई समयसीमा निर्धारित नहीं है। ऐसे में बीते पांच दिनों से उद्धव गुट के नेता लगातार शिंदे सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। इतना ही नहीं, उद्धव गुट के सांसद संजय राउत ने तो शिंदे सरकार और स्पीकर राहुल नार्वेकर को ही असंवैधानिक करार दे दिया है, वहीं आदित्य ठाकरे ने तो पार्टी के दूसरे नेताओं के साथ राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात कर उन्हें पत्र भी सौंप दिया है।
सत्ता के इस पूरे खींचतान में महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले और पार्टी के दूसरे नेता उद्धव गुट शिवसेना के सुर में सुर मिलाते दिखे। पाटोले भी स्पीकर राहुल नार्वेकर को 16 विधायकों पर जल्द निर्णय लेने की बात कह चुके हैं और शिंदे सरकार के जल्द गिरने की भविष्यवाणी की है। इन सबके बीच, MVA के तीसरे सहयोगी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में शिंदे गुट के 16 विधायकों के अयोग्यता के बाद शिंदे सरकार के गिरने को लेकर पार्टी में दो राय दिखी।
शिंदे सरकार के गिरने को लेकर NCP में दो राय
एक तरफ शिंदे सरकार के भविष्य को लेकर जहां एनसीपी से विपक्ष के नेता अजित पवार ने सोमवार यानी 15 मई को कहा कि शिंदे गुट के 16 विधायकों के अयोग्य ठहराए जाने पर भी शिंदे सरकार को कोई खतरा नहीं है, क्योंकि उनके पास बहुमत है, तो वहीं पार्टी के महाराष्ट्र अध्यक्ष जयंत पाटिल ने शिवसेना के 16 विधायकों के अयोग्य करार दिए जाने पर शिंदे सरकार के गिरने का दावा किया है।
"...फिर बीजेपी को बहुमत जुटाना होगा"
जयंत पाटिल ने कहा कि शिवसेना के जिन 16 विधायकों के अयोग्यता का मामला है उनमें से एक मुख्यमंत्री भी हैं। ऐसे में अगर वो अयोग्य ठहराए जाते हैं, तो नियम के मुताबिक सरकार गिर जाएगी, क्योंकि मुख्यमंत्री सरकार का मुखिया होता है। उन्होंने आगे कहा, "अगर सरकार गिरती है, तो हो सकता है कि शिंदे गुट के विधायक वापस उद्धव के पास चले जाएं। ऐसे में सरकार भी बदल सकती है। अगर सरकार गिरती है, तो नियम के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सबसे ज्यादा विधायक है, तो राज्यपाल उन्हें ही बुलाएंगे। फिर बीजेपी को बहुमत जुटाना होगा और वो ऐसा करते हैं, तो उनकी सरकार बनेगी, लेकिन सीएम शिंदे के अयोग्य होने पर नियम के मुताबिक यह सरकार गिर जाएगी।"
16 विधायकों की सदस्यता पर फैसला जल्द
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री सहित शिंदे गुट के 16 विधायकों की सदस्यता पर फैसला लेने का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा था। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा था कि वह कोर्ट के आदेश के मुताबिक जल्द इस विषय पर फैसला करेंगे। उन्होंने कहा था कि वह इस विषय पर बिल्कुल निष्पक्ष फैसला लेंगे और किसी के दबाव के आगे नहीं झुकेंगे। उन्होंने कहा था कि अध्यक्ष का पद किसी दल का नहीं होता, बल्कि पूरे सदन का होता है। वहीं, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना यूबीटी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से जल्द से जल्द विधायकों के भविष्य पर फैसला लेने के लिए कहा था। इसके साथ ही चेतावनी दी थी कि यदि अध्यक्ष का फैसला गलत हुआ, तो वह कोर्ट जाने के लिए स्वतंत्र हैं।
किसके पास कितनी हैं विधानसभा सीटें?
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं। सरकार गठन के लिए बहुमत का आंकड़ा 145 है। फडणवीस और शिंदे सरकार के कुछ 166 विधायक हैं, जबकि महा विकास आघाड़ी (MVA) के 120 विधायक हैं। इसके अलावा AIMIM के 2 विधायक हैं।