Highlights
- NCP नेता अमोल कोल्हे ने निभाया गोडसे का किरदार, बढ़ा विवाद
- 'रील लाइफ' और 'वास्तविक जीवन' के बीच एक रेखा खींचने की जरूरत- अमोल कोल्हे
- अमोल कोल्हे को एक कलाकार के रूप में देखा जाना चाहिए- राजेश टोपे
नई दिल्ली: महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे पर शॉर्ट फिल्म को लेकर महाराष्ट्र में बवाल मचा हुआ है। फिल्म का नाम है- why I killed Gandhi (मैंने गांधी को क्यों मारा?) यह फिल्म 2017 में बनी थी, इसे अब रिलीज किया जा रहा है। इस फिल्म को लेकर बवाल इसलिए मचा है, क्योंकि फिल्म में गोडसे की भूमिका कोई और नहीं बल्कि एनसीपी सांसद अमोल कोल्हे निभा रहे हैं।
अमोल कोल्हे पेशे से अभिनेता हैं। राजा शिव छत्रपति में वे छत्रपति शिवाजी के रोल के बाद काफी चर्चित भी हुए। इसके बाद वे राजनीति में आ गए। 2014 में शिवसेना के स्टार प्रचारक थे। फरवरी 2019 में कोल्हे ने एनसीपी ज्वाइन की। शिवसेना जैसे तमाम हिंदू दक्षिणपंथी राजनीतिक संगठन गोडसे को लंबे वक्त से एक देशभक्त के रूप में बताते रहे हैं। कोल्हे ने शिवसेना में रहकर फिल्म में गोडसे की भूमिका निभाई थी, फिल्म अब रिलीज हो रही है, जब वे एनसीपी में पहुंच गए हैं। एनसीपी अपनी सहयोगी कांग्रेस की तरह ही गोडसे को देशभक्त कहे जाने के खिलाफ है।
'रील लाइफ' और 'वास्तविक जीवन' के बीच रेखा खींचने की जरूरत
गोडसे पर जबरदस्त वैचारिक मतभेद और उनकी भूमिका निभाने को लेकर कोल्हे ने सोशल मीडिया पर लंबी पोस्ट लिखकर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने लिखा, 'रील लाइफ' और 'वास्तविक जीवन' के बीच एक रेखा खींचने की जरूरत है। कोल्हे ने कहा कि एक कलाकार के रूप में काम करते समय कुछ भूमिकाएं चुनौतीपूर्ण होती हैं, भले ही वे चरित्र की विचारधारा से सहमत न हों। कोल्हे ने लिखा, जनता को भी खुले दिमाग और विचारों से एक आर्टिस्ट के काम को देखना चाहिए। एनसीपी नेता ने कहा कि कोल्हे को गोडसे का रोल नहीं करना था।
हालांकि, एनसीपी में कोल्हे के सहयोगी, महाराष्ट्र के आवास मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि कोल्हे बहुत अच्छे अभिनेता हैं लेकिन उन्हें गोडसे की भूमिका नहीं निभानी चाहिए थी। जितेंद्र आव्हाड ने कहा, मैंने सभी गांधी विरोधी फिल्मों का विरोध किया है। यह एक वैचारिक विरोध है जो मेरा है, जब कोई अभिनेता किसी विशेष चरित्र को निभाता है तो वह चरित्र के विचार में आ जाता है।
उन्होंने कहा, एक सांसद के लिए इस तरह की भूमिका निभाना गलत है। कलाकार को समाज के साथ खड़ा होना चाहिए, विरोध विरोध होता है। एक अभिनेता और एक व्यक्ति के रूप में भूमिका दो अलग-अलग चीजें नहीं हो सकती हैं। हालांकि, महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्री और एनसीपी नेता राजेश टोपे ने कहा, 'मैंने गांधी को क्यों मारा?' यह 45 मिनट की फिल्म है। अमोल कोल्हे एक अच्छे अभिनेता और एक अच्छे कलाकार के रूप में जाने जाते हैं। भले ही उन्होंने नाथूराम गोडसे की भूमिका निभाई, उन्हें एक कलाकार के रूप में देखा जाना चाहिए।
कांग्रेस ने कहा- इसमें राजनीति की जरूरत नहीं
वहीं, अमोल कोल्हे को कांग्रेस पार्टी की तरफ से समर्थन मिला है। कांग्रेस नेता और राज्य सरकार में मंत्री असलम शेख ने कहा कि, अमोल कोल्हे एक अभिनेता हैं और उन्हें जो रोल मिला, उन्होंने किया। इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए। कलाकार के लिए जो मायने रखता है वह है भूमिका और उसे इसके लिए पैसा मिलता है। असलम शेख ने कहा कि अमोल कोल्हे एक कलाकार हैं, कलाकार के लिए पैसा, रोल और उसके बाद उसका पेट मायने रखता है।
'मैंने गांधी को क्यों मारा' पर NCP में विवाद
'मैंने गांधी को क्यों मारा' (Why I Killed Gandhi Film) फिल्म को लेकर कांग्रेस के मंत्री ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के सांसद अमोल कोल्हे का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि, कोल्हे को जैसा रोल मिलेगा वो करेंगे। 'मैंने गांधी को क्यों मारा' फिल्म30 जनवरी को रिलीज होने वाली है। फिल्म 'मैंने गांधी को क्यों मारा' को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अंदर ही विवाद खड़ा हो गया है। एनसीपी के नेता और महाराष्ट्र सरकार के मंत्री जितेन्द्र अव्हाण ने इस फिल्म में नाथूराम गोडसे (Nathuram Godse) की भूमिका निभाने वाले अमोल कोल्हे (Amol Kolhe) पर निशाना साधा है। महाराष्ट्र सरकार के मंत्री जितेन्द्र अव्हाण ने कहा कि उन्हें ये भूमिका नहीं करनी चाहिए थी।
सांसद अमोल कोल्हे ने दी सफाई
बता दें कि, अमोल कोल्हे वर्तमान में एनसीपी के सांसद हैं। जितेन्द्र अव्हाण के बयान पर अमोल कोल्हे सफाई देने के लिए सामने आए और उन्होंने कहा कि 2017 में उन्होंने वो किरदार निभाया था और ये फिल्म अब रिलीज हो रही है। NCP सांसद अमोल कोल्हे का कहना है कि उस वक्त वो राजनीति में नहीं थे, उन्हें वो किरदार चैलेजिंग लगा इसलिए किया। अमोल कोल्हे का कहना है कि वो खुद गांधी हत्या का समर्थन नहीं करते हैं। गौरतलब है कि, अमोल कोल्हे को शिवाजी महाराज के किरदार के लिए जाना जाता है। इसी किरदार के कारण उन्हें पूरे महाराष्ट्र में खूब प्रसिद्धि मिली।