Highlights
- बॉलीवुड के लिए 'विलेन' रहा समीर वानखेड़े का कार्यकाल
- आर्यन खान मामले के बाद NCB पर उठे थे सवाल
- विवादों से भरा रहा एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े का कार्यकाल
नयी दिल्ली: बीते महीने मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले में अभिनेता शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान को गिरफ्तार करने के बाद सुर्खियों में आने वाले एनसीबी अधिकारी समीर वानखड़े का कार्यकाल इसी महीने की 31 तारीख को पूरा हो जाएगा। सरकारी सूत्रों की तरफ से ये जानकारी शुक्रवार को दी गई है। आईआरएस के 2008 बैच के अधिकारी समीर वानखड़े को पिछले साल सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले के बाद मुंबई ट्रांसफर किया गया था। वो मुंबई एनसीबी के जोनल डायरेक्टर हैं। अभी तक वानखेड़े ने सेवा में विस्तार नहीं मांगा है।
उनका कार्यकाल विवादों से भरा रहा है। कह सकते हैं कि वो बॉलीवुड के लिए 'विलेन' दिखाई दिए हैं। सुशांत आत्महत्या मामले के बाद रिया चक्रवर्ती पर वानखेड़े की अगुवाई में ही कार्रवाई की गई थी। हालांकि, बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट ने एनसीबी के आरोपों को खारीज करते हुए कड़ी फटकार लगाई थी।
एनसीबी के जोनल डायरेक्टर वानखेड़े अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की कथित आत्महत्या के बाद ड्रग सिंडिकेट के खिलाफ कार्रवाई में शामिल रहे हैं। उनके कार्यकाल के दौरान कई बॉलीवुड अभिनेत्रियों से पूछताछ की गई है। एनसीबी मुंबई के मुताबिक वानखेड़े की अगुवाई में साल भर में 12 बड़े सप्लायर-पैडलर का भांडाफोड़ किया गया है। 13 महीने में 300 से अधिक गिरफ्तारियां हुई हैं। करोड़ों की ड्रग्स बरामद हुई है।
आर्यन समेत अन्य लोगों की गिरफ्तारी के बाद एनसीबी पर सवाल भी उठे थे। दरअसल, एनसीबी ने कई मामले में एक ही गवाह बनाए हैं। इस दौरान महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक लगातार वानखेड़े पर निशाना साधते रहे हैं। उन्होंने वानखेड़े के आरक्षण से लेकर धर्म और शादी तक पर सवाल उठाए हैं। मलिक ने आरोप लगाया था कि वह (वानखेड़े) मुस्लिम परिवार में पैदा हुए थे लेकिन उन्होंने फर्जी जाति प्रमाण पत्र प्राप्त कर अनुसूचित जाति के आरक्षण के तहत नौकरी हासिल की। वानखेड़े ने आरोप से इनकार किया और उनके पिता ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता मलिक के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया। सूत्रों ने बताया कि यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि एनसीबी में उनकी नियुक्ति समाप्त होने के बाद वानखेड़े को कहां भेजा जाएगा।
बॉलीवुड में वानखेड़े की कार्रवाई पर नजर डाले तो आर्यन मामला कोई नया नहीं है। इससे पहले भी 2013 में वानखेड़े कुछ महीने के लिए केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग में थे। तब अनुराग कश्यप, विवेक ओबेरॉय, राम गोपाल वर्मा जैसी कई शख्सियतें सर्विस टैक्स न देने के आरोप में जांच के दायरे में आई थीं। साल 2006 में आंध्र प्रदेश में इंटेलिजेंस ब्यूरो के साथ अपनी सर्विस शुरू करने वाले समीर 2008 में आइआरएस बने। 2011 में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारतीय क्रिकेट टीम ने वर्ल्ड कप जीता था। लेकिन, टीम को नकली ट्रॉफी मिली थी। क्योंकि, असली ट्रॉफी मुंबई एयरपोर्ट पर कस्टम में फंसी थी। उस समय वानखेड़े एयरपोर्ट कस्टम्स में असिस्टेंट कमिश्नर थे। रिया मामले में भी वानखेड़े ने ही कार्रवाई की थी। नवंबर 2019 में वानखेड़े ने एनसीबी के लिए आवेदन दिया था। 31 अगस्त 2020 को उन्होंने डेपुटेशन पर जिम्मा संभाला।