महाराष्ट्र के वाशिम सत्र न्यायालय ने पुलिस को एनसीपी (NCP) के नेता और पूर्व मंत्री नवाब मलिक, जो अभी जेल में हैं, की ओर से आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े के खिलाफ दिए गए कुछ बयानों की जांच करने का आदेश दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हेमंत एम. देशपांडे ने आईआरएस अधिकारी के चचेरे भाई संजय एस. वानखेड़े की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के बाद वाशिम (शहर) पुलिस स्टेशन को जांच करने और अपनी रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा है।
अपनी शिकायत में संजय एस. वानखेड़े ने समीर वानखेड़े और उनके परिवार के जाति व जाति प्रमाण पत्र से संबंधित अपमानजनक और झूठे बयानों के लिए मलिक के खिलाफ एससीएसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत जांच की मांग की। यह देखते हुए कि पुलिस ने 6 नवंबर, 2021 को प्रस्तुत शिकायत पर कार्रवाई नहीं की, न्यायाधीश देशपांडे ने कहा कि लगाए गए आरोपों पर विचार करते हुए वर्तमान मामले में एक जांच आवश्यक है।
मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार
मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस और सोशल मीडिया पर समीर वानखेड़े और उनके परिवार के सदस्यों पर जाति, सरकारी नौकरी पाने के लिए जाली दस्तावेज पेश करने के आरोप लगाए थे। इस साल फरवरी में प्रवर्तन निदेशालय ने मलिक को एक मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था और तब से वह हिरासत में हैं।
समीर वानखेड़े ने यह कहकर पलटवार किया था कि मलिक उनके पीछे पड़े हैं, क्योंकि एनसीबी ने उनके दामाद को पहले ड्रग से संबंधित मामले में गिरफ्तार किया था। मामले में क्लीन चिट मिलने के बाद समीर वानखेड़े ने कार्रवाई की मांग करते हुए अगस्त में मुंबई पुलिस के पास मलिक के खिलाफ स्वतंत्र शिकायत दर्ज कराई थी।