Monday, November 04, 2024
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नांदेड़ में 31 मरीजों की मौत: नहीं दिए गए थे दवाओं के ऑर्डर, मंत्री बोले- 5 करोड़ बचे थे फिर भी नहीं खरीदी

महाराष्ट्र के नांदेड़ में सरकार अस्पताल में हुई 31 मौतों के मामले में नया खुलासा हुआ है। अस्पताल को दवा सप्लाई करने वाली निकाय ने बताया है कि जहां औसतन दवाओं के सालाना 2000 ऑर्डर दिए जाते थे, वहां केवल 10 से 12 ही ऑर्डर दिए गए हैं।

Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Updated on: October 04, 2023 8:46 IST
nanded hospital news- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में 31 मौतें

महाराष्ट्र के नांदेड़ में एक सरकारी अस्पताल में 48 घंटे के भीतर 31 मरीजों की मौत के बाद कहराम मचा हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि 12 नवजात बच्चों सहित कुल 31 मरीजों की नांदेड़ के डॉ शंकरराव चव्हाण शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल में 30 सितंबर से दो अक्टूबर के बीच 48 घंटों में मौत हो गई। वहीं अब इस मामले में नया खुलासा हुआ है। अस्पताल को दवा सप्लाई करने वाली फर्म ने आरोप लगाए हैं कि महाराष्ट्र में सरकारी अस्पतालों की दवा की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त ऑर्डर नहीं दिए गए।

2000 की बजाय दिए गए 10-12 ऑर्डर

कुछ मीडिया रिपोर्ट की मानें तो दवाओं की कमी नांदेड़ में अस्पताल की भयावहता का कारण बनी है। हालांकि, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस बात से इनकार किया कि दवाओं और कर्मचारियों की कमी है। इस मामले पर ऑल फूड एंड ड्रग लाइसेंस होल्डर्स के अध्यक्ष अभय पांडे ने कहा, सरकारी अस्पतालों को दवाएं सप्लाई करने वाली हाफकिन बायोफार्मास्युटिकल को मेडिकल कॉलेजों और सरकारी अस्पतालों में दवाओं की आपूर्ति के लिए इस साल केवल 10-12 ऑर्डर ही दिए, जबकि इसकी सामान्य वार्षिक औसत 2,000 ऑर्डर है। इससे पता चलता है कि मेडिकल कॉलेजों और सरकारी अस्पतालों में दवाओं की कमी थी।

"बचे हुए 4-5 करोड़ रुपये का उपयोग क्यों नहीं किया?"
वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र के चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ ने सवाल उठाया कि अस्पताल ने दवाएं खरीदने के लिए अपने बचे हुए 4-5 करोड़ रुपये का उपयोग क्यों नहीं किया। मुश्रीफ ने हाउसकीपिंग मुद्दों पर गहरी चिंता व्यक्त की और इस बात पर जोर दिया कि मामले को बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है। उन्होंने पर्याप्त धनराशि होने के बावजूद अस्पताल द्वारा दवा खरीद में देरी को लेकर सवाल उठाए। चिकित्सा मंत्री ने कहा, “हाउसकीपिंग का मुद्दा बहुत गंभीर है, हमने इसे गंभीरता से लिया है। उनके पास अभी भी 4-5 करोड़ रुपये हैं। उन्होंने दवाएं क्यों नहीं खरीदीं? हमारी कमेटी जवाब देगी।"

जांच के लिए बनाई गई डॉक्टरों की कमेटी
गौरतलब है कि कथित तौर पर दवाओं की कमी के कारण सरकार द्वारा संचालित डॉ. शंकरराव चव्हाण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कम से कम 31 लोगों की मौत हो गई। शनिवार और रविवार के बीच 24 मरीजों की मौत की खबर है, जबकि मंगलवार को सात और मरीजों की मौत हो गई। मंत्री मुश्रीफ ने कहा कि पूरे मामले की जांच के लिए डॉक्टरों की एक कमेटी बनाई गई है और जो भी इस मामले में दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस अस्पताल में दवाओं की कोई कमी नहीं थी। हम तुरंत अस्पताल में बेड बढ़ा रहे हैं।

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