
महाराष्ट्र के नागपुर में औरंगजेब को लेकर बवाल हो रहा है। यहां दो पक्षों के लोग भिड़ गए हैं। आरोप है कि हरे रंग की चादर जलाई गई थी। इसके बाद हिंसा भड़क गई। दो पक्षों के बीच जमकर पथराव हुआ। कई वाहनों में आग भी लगा दी गई। घटना नागपुर के महाल इलाके की है। यहां हालात को काबू करने के लिए पहुंचे कई पुलिसकर्मी भी हिंसा में घायल हुए हैं। पुलिस ने 40-50 लोगों को हिरासत में लिया है। इस बीच सीएम देवेंद्र फडणवीस ने लोगों से संयम बरतने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। पुलिस ने भी लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने के लिए कहा है।
दो पक्षों के बीच टकराव के बाद पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है। महाराष्ट्र पुलिस ने क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने में लोगों से मदद करने की अपील की है। हिंसा के बाद पुलिस ने महाल में तलाशी अभियान चलाया। हिंसा में शामिल लोगों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है। पुलिस ने लोगों को अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने की हिदायत दी है।
कई वाहनों में आगजनी
हिंसा भड़कने के बाद अराजक तत्वों ने महाल इलाके में जमकर आगजनी की। कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। इस दौरान एक जेसेबी मशीन पर भी आग लगा दी गई। दमकलकर्मी और पुलिस के जवान मौके पर मौजूद हैं और हिंसा के साथ आग पर भी काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं।
कैसे भड़की हिंसा?
औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए एक दक्षिणपंथी संगठन के लोग प्रदर्शन कर रहे थे। इसी बीच अफवाह उड़ी कि प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मुस्लिम समुदाय का पवित्र ग्रंथ जला दिया है। यह अफवाह फैलने के बाद पूरे इलाके में हिंसा शुरू हो गई। अफवाह के बाद मध्य नागपुर में तनाव उत्पन्न हो गया और पुलिस पर पथराव किया गया। अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान चार लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने चिटनिस पार्क और महल इलाकों में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। हिंसा दोपहर बाद कथित तौर पर कोतवाली और गणेशपेठ तक फैल गई। रात होते-होते हालात मुश्किल हो गए। इस वजह से पूरे इलाके में धारा 144 लगानी पड़ी।