गणेश उत्सव का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से 19 सितंबर को मनाया जाएगा। इस बीच मूर्तिकार अपनी मूर्तियों को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। महाराष्ट्र में गणेश उत्सव सबसे अधिक भव्य तरीके से मनाया जाता है। शायद यही कारण है कि मध्य भारत का सबसे बड़ा मूर्तिकारों का बाजार नागपुर में स्थित है। नागपुर के चिता ओली में मूर्तिकार अलग-अलग प्रकार की मूर्तियां बनाने में लगे हुए हैं। नागपुर में एक मूर्तिकार ने तो नारियल से भगवान गणेश की मूर्ति बना दी है। इसके लिए मूर्तिकार को 3000 नारियलों का इस्तेमाल करना पड़ा। यह मूर्ति परली वैजनाथ के मंदिर ट्रस्ट द्वारा बनवाया जात राह है। बता दें कि इस मूर्ति को बनाने में कम से कम 20 दिनों तक मूर्तिकारों को 24 घंटे काम करना पड़ा है।
3000 नारियलों से बनी गणेश जी की मूर्ति
बता दें कि यह मूर्ति 12 फीट लंबी और 10 फीट चौड़ी है। इस मूर्ति को बनाने वाले मूर्तिकार का कहना है कि इसे बनाना बहुत बड़ा लक्ष्य था। मूर्तिकार ने कहा, 'इस मूर्ति को बनाने में अलग-अलग तरह के नारियलों का इस्तेमाल किया गया है। कहीं पर छोटे नारियल तो कहीं पर बड़े नारियल लगाने पड़े हैं। साथ ही कुछ स्थानों पर नारियल के छिलकों का भी इस्तेमाल किया गया है। नारियल से ही भगवान गणेश की आंख बनाई गई है। मूर्तिकारों का कहना है कि पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए इको फ्रेंडली गणेस जी मूर्ति बनाई गई। इस मूर्ति को परली के लिए रवाना कर दिया गया है।'
21 फीट तक बनी है गणेश प्रतिमा
मूर्तिकारों ने बताया कि जिन नारियलों से गणेश जी की प्रतिमा तैयार की गई है, उसमें भारत के विख्यात गणेश टेकरी मंदिर के गणेश जी पर चढ़ाए हुए 6 नारियल के प्रसाद का भी इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने कहा, 'दोनों बाजू में एक-एक नारियल, दोनों पैरों में एक-एक नारियल, भगवान गणेश के पेट में एक नारियल का इस्तेमाल किया गया है। जो प्रसाद के रूप में गणेश टेकड़ी मंदिर से मिला उसी नारियल को प्रतिमा में इस्तेमाल किया गया है।' बता दें कि नागपुर के इकस मार्केट से मूर्तियां विदेशों में भी जाती हैं। साथ ही साथ अधिकांश राज्यों में भी यह मूर्तिंया भेजी जाती हैं। इस बाजार में 5 इंच के गणेश जी से लेकर 21 फीट तक के गणेश जी की मूर्ति बनाई गई है।