
नागपुर: महाराष्ट्र के नागपुर में हाल ही में हुई हिंसा के बाद पुलिस ने 2 थाना क्षेत्रों से कर्फ्यू हटा लिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, नंदनवन और कपिलनागर पुलिस थाना क्षेत्रों में संचारबंदी समाप्त कर दी गई है। इसके अलावा, अन्य थाना क्षेत्रों में दोपहर 2 से 4 बजे तक कर्फ्यू में राहत दी गई है। नागपुर पुलिस कमिश्नर द्वारा जारी किए गए आदेश के मुताबिक, हिंसा के बाद कुल 11 पुलिस थाना क्षेत्रों में संचारबंदी लागू की गई थी। हालांकि, कोतवाली और तहसील गणेश पेठ थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू अगले आदेश तक जारी रहेगा।
‘शहर के हालात की निगरानी जारी है’
पुलिस के मुताबिक, शहर की स्थिति पर निगरानी जारी है और हालात को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। बता दें कि नागपुर शहर में हुई हिंसा के आरोपियों का पता लगाने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने 18 विशेष टीम गठित की हैं। अधिकारियों ने गुरुवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार को हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक 69 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने 200 आरोपियों की पहचान कर ली है और सीसीटीवी फुटेज से अन्य संदिग्धों की पहचान करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
मामले में कुल 200 लोग नामजद
बता दें कि सोमवार को गणेशपेठ और कोतवाली पुलिस थानों में 5 FIR दर्ज की गईं, जिनमें 200 लोग नामजद हैं। अधिकारी ने बताया कि CCTV फुटेज की मदद से हिंसा में शामिल अन्य लोगों की पहचान करने के प्रयास जारी हैं। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि संदिग्धों की पहचान करने के लिए टीम साइबर सेल के साथ मिलकर काम कर रही हैं। नागपुर हिंसा के सिलसिले में अब तक गिरफ्तार किए गए 69 लोगों में ‘माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी’ का नेता फहीम खान भी शामिल है। अधिकारियों ने पहले कहा था कि खान ने सोमवार को नागपुर पुलिस थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन का कथित तौर पर नेतृत्व किया था।
खान पहले भी कई मामलों में आरोपी
पुलिस रिकॉर्ड से पता चलता है कि खान पहले भी बिजली चोरी और 2023-2024 में विरोध-प्रदर्शन समेत कई मामलों में आरोपी रहा है। FIR में कहा गया कि खान के नेतृत्व में 50 से 60 लोगों का एक समूह सोमवार को गणेशपेठ पुलिस थाने के बाहर अवैध रूप से इकट्ठा हुआ और एक दिन पहले हुए विश्व हिंदू परिषद के विरोध प्रदर्शन के खिलाफ एक ज्ञापन सौंपा। इसके बाद, खान और आठ अन्य लोग भालदारपुरा इलाके में पहुंचे जहां शिवाजी महाराज चौक के पास अल्पसंख्यक समुदाय के 500 से 600 लोग इकट्ठा हुए थे। एक अधिकारी ने बताया कि बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।