मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक इंटरव्यू में भारतीय जनता पार्टी पर ‘बदले की राजनीति’ करने का आरोप लगाया है। उद्धव ने बीजेपी की आलोचना करते हुए कहा कि कि महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) और CBI जांच से धमकाया नहीं जा सकता। MVA सरकार शनिवार को एक साल पूरा कर रही है और इस मौके पर शिवसेना के सांसद संजय राउत को दिए एक इंटरव्यू में सीएम ठाकरे ने ये बातें कहीं। बता दें कि राउत पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक भी हैं।
‘बदले की राजनीति का कोई अंत नहीं है’
ठाकरे ने कहा, ‘इस सरकार को लोगों का आशीर्वाद प्राप्त है और इसे ED और CBI जांचों से धमकाया नहीं जा सकता। बदले की राजनीति का कोई अंत नहीं है। मैं इस राह पर चलने के पक्ष में नहीं हूं। इस राजनीतिक विकृति को बंद कीजिए।’ ठाकरे ने यह बात उस वक्त कहीं है जब 3 दिन पहले ही ED ने धनशोधन के एक मामले में शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक से जुड़े मुंबई और ठाणे के परिसरों पर छापे मारे हैं। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि शिवसेना, NCP और कांग्रेस गठबंधन वाली उनकी सरकार अगले 4 वर्ष का कार्यकाल पूरा करेगी और उसके बाद जनता निर्णय लेगी।
उद्धव ने की शरद और सोनिया की तारीफ
उन्होंने कहा कि NCP प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पिछले वर्ष MVA सरकार के गठन के लिए शिवसेना से हाथ मिलाने का राजनीतिक साहस दिखाया। ठाकरे ने BJP का नाम लिए बिना कहा, ‘कुछ लोगों ने सोचा कि ये तीनों दल कभी एकसाथ नहीं आएंगे और शिवसेना के पास उनके पीछे आने के सिवाए कोई विकल्प नहीं बचेगा।’ शिवसेना और BJP ने 2019 में राज्य विधानसभा चुनाव साथ मिल कर लड़ा था लेकिन मुख्यमंत्री पद को साझा करने के मुद्दे पर यह गठबंधन टूट गया और शिवसेना ने NCP और कांग्रेस के सहयोग से सरकार बनाई थी।
‘आपके भी परिवार हैं, बच्चे हैं, और आप बेदाग नहीं हैं’
मुख्यमंत्री ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में उनके बेटे एंव मंत्री आदित्य ठाकरे को निशाना बनाए जाने पर किसी का नाम लिए बिना कहा, ‘जब मुझे चुनौती दी जाती है, तो मेरा उत्साह बढ़ता है। आपके भी परिवार हैं, बच्चे हैं, और आप बेदाग नहीं हैं। केवल मैं नहीं बल्कि राज्य की जनता भी आपको सबक सिखाएगी। सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले का राजनीतिकरण घटिया राजनीति थी, विकृति से भी खराब।’
‘प्रशासन चलाने में सहयोगियों का बेमिसाल सहयोग है’
इस दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें सरकार चलाने और प्रशासन का कोई अनुभव नहीं था लेकिन उनके परिवार का जनता की सेवा का इतिहास रहा है। उन्होंने कहा, ‘प्रशासन चलाने में सहयोगियों का बेमिसाल सहयोग है। कैबिनेट की बैठकों के दौरान जो बात मुझे सबसे ज्यादा अचंभित करती है वो यह कि कांग्रेस और NCP के मेरे सभी सहयोगी मुझे बहुत सम्मान देते हैं, जबकि वे राजनितिक प्रतिद्वंद्वी हुआ करते थे।’ इस आलोचनाओं के बारे में पूछे जाने पर कि महामारी के दौरान वह घर पर ही रहे, उन्होंने कहा, ‘मैं अपने कार्यालय से काम कर रहा हूं। अगर मैं बाहर नहीं निकलता तो शिवसेना आगे नहीं बढ़ी होती। लॉकडाउन के दौरान भी राज्य में करोड़ों रुपये का निवेश हुआ है।’ (भाषा)