मुंबई: केंद्र सरकार देश में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने को लेकर तमाम प्रयास कर रही है। इसे लेकर तैयारियां भी चल रही हैं। वहीं यूसीसी को लेकर मुस्लिम महिला संगठन ने मुंबई में एक प्रेस कांफ्रेंस की। इस दौरान मुस्लिम महिला संगठन ने UCC में कुछ प्रमुख सुधार किए जाने की मांग की है। मुस्लिम महिला संगठन के द्वारा की गई मांगें कुछ इस प्रकार हैं-
शादी -
- दुल्हन की सहमति के बिना निकाह अवैध हो।
- निकाह को करार माना जाए, संस्कार नहीं।
- निकाह का पंजीकरण अनिवार्य हो।
- निकाहनामा/इकरारनामा जरूरी दस्तावेज बने।
- मेहर निकाह के वक्त ही दिया जाए।
- पंजीकृत काजियों द्वारा ही निकाह हो।
- महिला काजियों को प्राथमिकता दी जाए।
- बहुविवाह, हलाला, मिस्यार, और मुता विवाह अवैध हों।
तलाक-
- महिलाओं को फस्ख, खुला, मुबारा अधिकार मिले।
- तलाक-ए-अहसन पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए समान रूप से लागू हो।
- धर्म परिवर्तन से निकाह खत्म न हो।
दत्तक ग्रहण और संरक्षकता-
- मां बच्चों की स्वाभाविक संरक्षक हो।
- जेजे कानून के तहत गोद लेने की अनुमति हो।
भरण-पोषण और विरासत-
- वैवाहिक संपत्ति में बराबरी हो।
- सभी पारिवारिक कानून प्रक्रियाओं के लिए सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त मध्यस्थ हो।
इसके अलावा मुस्लिम महिला संगठन ने वक्फ कानून में महिलाओं की 50% भागीदारी और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की भी मांग की। वहीं इस संगठन ने बहुपत्नी प्रथा और हलाला पर सुप्रीम कोर्ट से जल्द निर्णय की भी अपील की।
क्या है यूसीसी?
समान नागरिक संहिता यानी एक देश और एक कानून। जिस देश में भी समान नागरिक संहिता लागू होती है, उस देश में विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना, संपत्ति के बंटवारे से लेकर अन्य सभी विषयों को लेकर जो भी कानून बनाए गए हैं, वो सभी धर्म के नागरिकों को समान रूप से मानने होते हैं।
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