मुंबई: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में बारिश के मौसम में सिर्फ पानी नहीं बरसता बल्कि सरकार और विपक्ष के बीच आरोपों एवं प्रत्यारोपों की भी बरसात होती है। यह कमोबेश हर साल होने लगा है कि मॉनसून में हुई बारिश से शहर में जलजमाव होता है और सियासत शुरू हो जाती है। शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र 'सामना' ने मुंबई में मॉनसून की पहली बारिश के बाद पैदा हुई अव्यवस्था को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा, जिसके बाद मुंबई के गार्डियन मिनिस्टर दीपक केसरकर ने सफाई दी।
'सामना' में शिंदे सरकार पर करारा हमला
शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र 'सामना' में सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा गया, 'शनिवार की रात मुंबई में एक घंटे में 70mm बारिश हुई, लेकिन ताल ठोक कर किए गए नालों की सफाई के सरकारी दावे खोखले साबित हुए। घाती-फडणवीस सरकार ने जोर-शोर से इस बात का दावा किया था कि इस बार जलजमाव नहीं होगा और मुंबईकरों को परेशानी नहीं होगी लेकिन ये वादे फेंकूगीरी साबित हुए यह शनिवार को दिखाई दिया। मुंबई में 70mm बारिश से यह हाल हुआ है तो अगले दो-तीन महीनों में हमारी कैसी दुर्दशा होगी, ऐसा सवाल मुंबईकरों के मन में है।
सरकार ने उद्धव गुट के आरोपों पर दी सफाई
मुंबई के गार्डियन मिनिस्टर दीपक केसरकर ने आरोपों पर सफाई देते हुए कहा, 'बारिश को लेकर सीएम द्वारा जताई गई खुशी का आदित्य ठाकरे ने गलत मतलब निकाला है। आदित्य हमेशा कॉन्ट्रैक्टर और कॉन्ट्रैक्ट के बारे में ही बात क्यों करते है? मुम्बई के सबवे में 419 पंप लगाए गए हैं और हर एक पंप पर एक इंजीनियर लगाया गया है। खुले मैनहोल से हुए हादसों से निपटने के लिए हमने अधिकारियों से कह दिया है कि अगर कोई कबाड़ के रूप में मैनहोल का ढक्कन खरीदेगा तो उस पर लोगों की जान खतरे में डालने समेत हत्या की कोशिश का मुकदमा दर्ज होगा।'
'सीएम ने खुद सड़क पर उतरकर संभाला मोर्चा'
शिवसेना के प्रवक्ता संजय सिरसाट ने सरकार की तैयारियों पर बोलते हुए कहा, 'मुम्बई में जो पहली बारिश ही 70एमएम हो गई, इसलिए पानी निकलने में समय लगा। अब मुख्यमंत्री ने खुद सड़क पर उतरकर मोर्चा संभाल लिया है। उन्होंने पहले ही कहा है कि जो BMC अधिकारी सही से काम करेगा वह रहेगा, नहीं तो नौकरी से छुट्टी। उद्धव गुट के नेताओं को सिर्फ बयान देना आता है। वे 20 साल से ज्यादा बीएमसी में रहे, उन्होंने क्या किया। शिंदे सरकार की पूरी कोशिश है कि बारिश में एक शख्स की भी जान न जाए, लेकिन उद्धव गुट को मरे हुए लोगों पर भी राजनीति करनी है।