महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज सीएए, एनआरसी और एनपीआर पर राज्य सरकार की स्थिति को स्पष्ट कर दिया। ठाकरने ने कहाकि सीएए और एनआरसी दो अलग अलग चीजें हैं और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर यानि एनपीआर एक सामान्य प्रशासनिक कार्रवाई है। उन्होंने साफ किया कि नागरिकता संशोधन कानून यानि सीएए से किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है। लेकिन जहां तक एनआरसी का सवाल है तो यह अस्तित्व में ही नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि एनआरसी को राज्य में लागू नहीं किया जाएगा।
राज्य में एनआरसी की स्थिति को साफ करते हुए कहा कि यदि एनआरसी लागू होता है तो इससे सिर्फ हिंदू या मुसलमान ही नहीं बल्कि आदिवासी भी प्रभावित होंगे। केंद्र ने एनआरसी के बारे में अभी तक कोई भी चर्चा नहीं हुई है।
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर यानि एनपीआर पर हो रहे विरोध को लेकर उद्धव ठाकरने ने कहा कि एनपीआर एक प्रकार की जनगणना है। मुझे इसमें कोई खराबी नज़र नहीं आ रही है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि इससे कोई भी प्रभावित होगा। यह हर 10 साल में होने वाली एक सामान्य प्रक्रिया है।