Wednesday, January 01, 2025
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'खट्टे-मीठे आम की चटनी...ड्रम खोलने पर निकला कुछ और', 65 साल के व्यक्ति को 20 साल की सजा, जानिए क्या है पूरा मामला?

मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने 37 साल बाद बुजुर्ग व्यक्ति को सजा सुनाई है। 65 साल के व्यक्ति को 20 साल की सजा सुनाई गई है। ये पूरा मामला साल 1987 का है।

Reported By : Saket Rai Edited By : Dhyanendra Chauhan Published : Dec 31, 2024 11:47 IST, Updated : Dec 31, 2024 11:52 IST
कोर्ट ने 65 साल के व्यक्ति को सुनाई सजा
Image Source : META AI कोर्ट ने 65 साल के व्यक्ति को सुनाई सजा

मुंबई की एक विशेष अदालत ने 65 साल के व्यक्ति को 20 साल की सजा सुनाई है। 65 साल के व्यक्ति नितिन खिमजी भानुशाली जिसे लगभग 37 साल पहले मुंबई से अवैध तरीके से लगभग 2,365 ड्रग्स विदेश में तस्करी करने के आरोप में पकड़ा गया था। आरोपी को एनडीपीएस ( Narcotic Drugs and Psy- chotropic Substances) एक्ट के तहत 20 साल की सजा सुनाई है। आरोपी मुंबई के मुलुंड इलाके का रहने वाला है। 

आम की चटनी के डिब्बों से ड्रग्स की तस्करी

साल 1987 में DRI के अधिकारियों को एक खुफिया सूचना मिली थी, इसमें उन्हें पता चला था कि आम की चटनी के डब्बे में बड़ी मात्रा में ड्रग की तस्करी होने वाली है। इन सभी को मुंबई के विक्रोली इलाके में स्थित सुयोग इंडस्ट्रीज नाम की कंपनी में रखा गया था। ड्रग्स को तस्करी करके लंदन ले जाना था। 

194 ड्रमों में 4,365 किलोग्राम भरी थी ड्रग्स

आरोपी ने सुयोग इंडस्ट्रीज को किराए पर लिया था। डीआरआई अधिकारियों द्वारा ली गई तलाशी में 550 प्लास्टिक ड्रम बरामद हुए, जिनमें से 194 ड्रमों में 4,365 किलोग्राम गहरे भूरे रंग हैश ड्रग भरी हुई थी, तब इसकी कीमत लगभग 2 करोड़ के आसपास थी। 

ड्रमों में लिखा था 'खट्टे मीठे आम की चटनी

कुछ ड्रमों पर 'खट्टे मीठे आम की चटनी' लिखा था और निर्माता के रूप में 'इंडियन कॉन्डिमेंट्स शिवम फूड प्रोडक्ट्स, हलोल गोधरा-2207 (एफपीओ)' लिखा था। उस वक्त जांच एजेंसी DRI को कुछ डॉक्यूमेंट और लगभग 2,40,00 रुपये कैश भी मिला था।

एक आरोपी की हो गई मौत

ड्रग तस्करी मामले में दस आरोपियों में से चार फरार बताए गए, एक मानसिक रूप से अस्वस्थ बताया गया और एक की मौत हो गई। साल 2010 में तीन गिरफ्तार आरोपियों को सत्र न्यायालय ने बरी कर दिया क्योंकि अभियोजन पक्ष मादक पदार्थ के निर्यात में उनकी संलिप्तता साबित करने में असमर्थ रहा। 

वहीं, जमानत पर बाहर आए भानुशाली का मुकदमा अलग से चलाया गया था। जांच एजेंसियों के अनुसार, भानुशाली उस समूह का सदस्य था जो आम की चटनी के ड्रमों में हैश ड्रग छिपाने के संबंध में निर्णय लेने में सक्रिय रूप से शामिल था। 

डीआरआई द्वारा दर्ज किए गए उसके बयान से पता चला कि उसने विक्रोली में 3,000 रुपये भाड़े पर गाला किराए पर लिया था। सह-आरोपी दयाराम के अनुरोध पर गाला में छुपाए गए हशीश के ड्रम रखने की सहमति दी थी।

65 साल के व्यक्ति को सुनाई गई 20 साल की सजा

भानुशाली पर एनडीपीएस अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत भारत से ड्रग्स प्राप्त करने, रखने, भंडारण करने, परिवहन करने और निर्यात करने की आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया गया था। विशेष सत्र न्यायाधीश शशिकांत ई बांगर ने उन्हें 20 साल जेल की सजा सुनाई है।

 

 

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