Highlights
- NCB के एक अन्य जांच अधिकारी VV सिंह से करीब 6 घंटे पूछताछ की
- समीर वानखेड़े को अब विजिलेंस टीम की पूछताछ का सामना करना पड़ेगा
- NCB विजिलेंस टीम की ये आखिरी दौर की पूछताछ है
मुंबई NCB के पूर्व ज़ोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े NCB हेडक्वार्टर पहुंचे। समीर वानखेड़े को अब विजिलेंस टीम की पूछताछ का सामना करना पड़ेगा। NCB विजिलेंस टीम की ये आखिरी दौर की पूछताछ है। जो NCB की आर्यन खान मामले की जांच कर रही तत्कालीन टीम पर करप्शन के मामले की जांच कर रही है। कल विजिलेंस टीम ने NCB के एक अन्य जांच अधिकारी VV सिंह से करीब 6 घंटे पूछताछ की।
जहां उनसे करीब 100 सवाल पूछे गए। उसके पहले NCB के ही एक अन्य अधिकारी आशीष प्रसाद से भी विजिलेंस टीम पूछताछ कर चुकी है। बता दें, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) ने कहा है कि मुंबई एनसीबी के पूर्व प्रमुख समीर वानखेड़े उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार प्रथम दृष्टया ‘अनुसूचित जाति से संबंधित हैं’ लेकिन साथ ही कहा कि जिला जाति प्रमाण पत्र जांच समिति की अंतिम रिपोर्ट का इंतजार है।
वानखेड़े के उत्पीड़न के दावे पर, एनसीएससी ने संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की सिफारिश की है और कहा है कि मामले की जांच सहायक पुलिस आयुक्त के पद से कनिष्ठ अधिकारी से नहीं करायी जानी चाहिए। महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक के आरोपों के बाद वानखेड़े ने यह साबित करने के लिये कि वह (वानखेड़े) दलित हैं, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला के समक्ष पिछले साल नवंबर में अपने जाति प्रमाण पत्र से जुड़े मूल कागजात पेश किए थे।
मलिक ने आरोप लगाया था कि वानखेड़े ने सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए जाली दस्तावेज बनाए थे। वानखेड़े उस समय मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के मुंबई क्षेत्र प्रमुख थे और उन्होंने क्रूज ड्रग्स मामले की जांच की थी जिसमें जिसमें बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को गिरफ्तार किया गया था। नवाब मलिक ने आरोप लगाया था कि वानखेड़े ने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करने के बाद भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी के रूप में नौकरी हासिल करने के लिए जाति प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा किया था। उन्होंने यह भी कहा कि वानखेड़े जन्म से मुस्लिम हैं । अधिकारी ने मलिक के इन आरोपों को खारिज कर दिया है ।
एनसीएससी ने कहा, ‘समीर वानखेड़े अब तक उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार एससी समुदाय से हैं।’ आयोग ने कहा कि जिला जाति प्रमाण पत्र जांच समिति याचिकाकर्ता की सत्यता की जांच कर रही है और अंतिम रिपोर्ट का इंतजार है। आयोग ने यह भी पाया कि मामले की जांच कनिष्ठ स्तर के पुलिस अधिकारियों द्वारा की जा रही है और एसआईटी का गठन अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 (संशोधित) के प्रावधानों के अनुसार नहीं है।
मुंबई पुलिस ने वानखेड़े के जाति प्रमाण पत्र का सत्यापन करने के लिये एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था। अधिकारी ने वानखेड़े पर परेशान करने का आरोप लगाते हुये राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग से संपर्क किया था। आयेाग ने तत्काल प्रभाव से विशेष जांच दल को भंग करने की सिफारिश की थी क्योंकि संबंधित अधिनियम में इसका कोई प्रावधान नहीं है।