मुंबई: कोरोना महामारी ने मुंबई के डब्बवालों की भी आर्थिक स्थिति चौपट कर दी है। डब्बावालों ने मुंबई में लोकल ट्रेन शुरू करने की मांग की है। उनकी मांग है कि या तो लोकल ट्रेन चालू किया जाए या फिर राज्य सरकार डब्बावालों को प्रतिमाह पांच हजार रुपये की आर्थिक मदद करे। उन्होंने लोकल ट्रेनों में यात्रा की अनुमति नहीं देने पर विरोध प्रदर्शन की धमकी दी है। मुंबई के डब्बावाले या लंच-बॉक्स वाहक, जो कोरोना प्रकोप के कारण अपना व्यवसाय नहीं कर पा रहे हैं, ने पहले महाराष्ट्र सरकार से उन्हें लोकल ट्रेनों में यात्रा करने की अनुमति देने का आग्रह किया था, जिससे वे पूरी क्षमता के साथ अपने व्यवसाय को फिर से शुरू कर सके। फिलहाल केवल उन्हीं लोगों को लोकल ट्रेनों में यात्रा की अनुमति है जो आवश्यक सेवाओं में कार्यरत हैं। बता दें कि 19 मार्च के बाद से ही कार्यालयों में टिफिन पहुंचाने का उनका व्यवसाय बंद है। इससे उनके सामने भुखमरी की नौबत आ गई है।
मुंबई डब्बावाला एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष तलेकर ने कहा, "डब्बावाला भी आवश्यक सेवाओं का हिस्सा हैं। वे मुंबईकरों को भोजन पहुंचाते हैं। और चूंकि ज्यादातर अधिकारी अब कम क्षमता के साथ काम कर रहे हैं, इसलिए लोग हमसे टिफिन पहुंचाने के लिए कह रहे हैं।" तलेकर ने कहा, "हम राज्य सरकार से 5,000 रुपये की आर्थिक मदद की मांग कर रहे हैं, जैसा कि कंस्ट्रक्शन वर्कर्स को मिला था।"
उन्होंने कहा, "टिफिन सेवाओं के 130 साल पुराने इतिहास में इससे पहले कभी भी 6 महीने का ब्रेक नहीं मिला है। हम सुनिश्चित करेंगे कि ऑफिस जाने वालों को समय पर भोजन मिले और खाली लंच बॉक्स उनके घरों में वापस ले जाएं।'' उन्होंने कहा, ''पिछले छह महीनों में, सामाजिक संगठनों और स्वयंसेवकों ने आर्थिक रूप से एसोसिएशन की मदद की है जिससे डब्बावालों को लॉकडाउन के दौरान पैसे और आवश्यक चीजें दी गई थीं।''
इस बीच, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के नेताओं ने सोमवार को लोकल ट्रेनों में यात्रा की, जो वर्तमान में केवल आवश्यक सेवाओं के कर्मचारियों के लिए उपलब्ध है। यह प्रोटेस्ट का एक हिस्सा था जिसमें मांग की गई थी कि सेवाओं को आम नागरिकों के लिए भी उपलब्ध कराया जाए।