मुंबई: मुंबई में लोगों को राहत मिली है। बेस्ट के 32 हजार कर्मचारियों ने नौ दिन पुरानी हड़ताल वापस ले ली और इसी के साथ एक बार फिर से बेस्ट की बसें सड़कों पर उतर गई हैं। बता दें कि बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं यातायात (बेस्ट) के करीब 32,000 से अधिक कर्मी अपनी कई मांगों को लेकर 7 जनवरी की रात से हड़ताल पर चले गए थे, जिससे शहर में बस सेवा ठप पड़ गई थी। बेस्ट की मुख्य मांगें थी कि वेतन वृद्धि हो, कनिष्ठ स्तर के कर्मचारियों के लिए वेतनमान में सुधार हो और नुकसान में चल रही बेस्ट के बजट का BMC के बजट के साथ विलय किया जाए। इसके अलावा भी BMC भी कई मांगे थी।
सरकार द्वारा नियुक्त एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने इस सप्ताह की शुरुआत में सुझाव दिया था कि अंतरिम कदम के तौर पर बेस्ट कर्मचारियों का वेतन 10 चरणों में बढ़ाया जाए। बेस्ट कर्मचारी संघ की वकील नीता कार्णिक ने बुधवार को कहा कि कर्मी इससे सहमत हैं लेकिन वे इस मामले को सुलझाने के लिए एक स्वतंत्र मध्यस्थ चाहते हैं। नीता ने कहा, ‘‘हम बेस्ट के साथ नहीं बैठ सकते। हम एक ऐसा स्वतंत्र मध्यस्थ चाहते हैं जिसे श्रमिक कानूनों की जानकारी हो। हम चाहते हैं कि उच्च न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश को मध्यस्थ नियुक्त किया जाए।’’
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एन एच पाटिल और न्यायमूर्ति एन एम जामदार की खंडपीठ ने इस पर सहमति जताई और दोनों पक्षों से नाम का सुझाव देने को कहा। अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘‘मध्यस्थ 20 चरणीय वेतन वृद्धि, बेस्ट एवं बीएमसी के बजट का विलय और इसी प्रकार की अन्य मांगों पर तीन महीने की अवधि में चर्चा करेगा।’’ बेस्ट संघ और उसका प्रबंधन मध्यस्थ के तौर पर उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एफ आई रेबेलो के नाम पर सहमत हो गए हैं।
अदालत का आदेश सुनाने के बाद नीता ने पीठ के समक्ष कहा था कि बुधवार दोपहर बाद तक हड़ताल वापस ले ली जाएगी। और, ऐसा ही हुआ, बेस्ट के कर्मचारियों ने हड़ताल वापस ले ली है और उनकी बसें एक बार फिर से मुंबई की सड़कों पर दौड़ने लगी हैं। बता दें कि अदालत ने इस बात का उल्लेख किया था कि हड़ताल समाप्ति सुनिश्चित करना पहला चरण है।
(इनपुट-भाषा)