मुंबई: मुंबई के पुलिस आयुक्त (Mumbai police commissioner) हेमंत नगराले (Hemant Nagrale) ने मंगलवार को जारी एक परिपत्र में कहा कि प्रत्येक थाने में एक विशेष दस्ता बनाया जाना चाहिए, जिसमें महिला अधिकारी हों। साथ ही उन्होंने कहा कि उन इलाकों में खास कर पुलिस की गश्त बढ़ाई जानी चाहिए, जहां महिलाओं के खिलाफ अपराध (Crime against women) की आशंका हो। साकीनाका उपनगर में पिछले सप्ताह बलात्कार एवं हत्या की बर्बर घटना सामने आने के बाद यह आदेश जारी किया गया है। इस मामले ने वर्ष 2012 में दिल्ली में हुई ''निर्भया सामूहिक बलात्कार'' की घटना की कड़वी यादें ताजा कर दी हैं।
पुलिस आयुक्त ने कहा कि प्रत्येक थाने में एक '' निर्भया दस्ता (Nirbhaya Squad)'' या विशेष महिला सुरक्षा दस्ते का गठन होगा, जिसमें एक महिला सहायक निरीक्षक या उप निरीक्षक, एक महिला कांस्टेबल, एक पुरुष कांस्टेबल और एक वाहन चालक होंगे। इस दस्ते को ''मोबाइल-5'' वाहन आवंटित किए जाएंगे। निर्भया दस्ते को दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें उन्हें अन्य बातों के अलावा उन क्षेत्रों से खुफिया जानकारी एकत्र करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, जहां बालिका छात्रावास, बाल आश्रय गृह और अनाथालय स्थित हैं।
इसके अलावा, 'सक्षम' नाम की पहल के तहत पुलिस यौन उत्पीड़न की पीड़ितों की काउंसलिंग भी करेगी। परिपत्र के अनुसार, पुलिस थानों को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले उन स्थानों की पहचान करनी होगी, जहां महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले अधिक हुए हैं। ऐसे चिह्नित स्थानों की सूची में, निर्जन स्थानों, झुग्गी बस्तियों, बाग, स्कूल, कॉलेज, थिएटर और मॉल आदि को भी शामिल किया जा सकता है। इन स्थानों पर गश्त की जानी चाहिए।
इसमें कहा गया है कि पुलिस को देर रात को अकेले यात्रा करने वाली महिलाओं की मदद करनी चाहिए तथा उनके अनुरोध पर उनके लिए वाहन की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि वे गंतव्य तक पहुंच सकें। साथ ही हर स्कूल, कॉलेज और छात्रावास में ‘‘निर्भया शिकायत पेटी’’ भी होनी चाहिए, जिसमें महिलाएं अपनी शिकायत डाल सकें।