मुंबई की मालाड पुलिस ने एक डिजिटल अरेस्ट मामले का खुलासा किया है। पुलिस ने बताया कि मालाड इलाके में रहने वाले 68 साल के विपिन शाह को 21 दिसंबर को सवेरे 11.30 बजे अंतरराष्ट्रीय नंबर से ऑटोमेटेड कॉल आया और कहा गया कि उनका नंबर बंद होने वाला है और अगर अपने फोन को बंद होने से बचाना चाहते हैं तो 9 नंबर दबाएं। जैसे ही शिकायतकर्ता ने 9 नंबर दबाया तो दूसरी तरफ से बात करने वाले जालसाजों ने बताया कि आपके नाम से एक दूसरा नंबर भी रजिस्टर्ड है और आपका आधार कार्ड का इस्तेमाल करके एक बैंक अकाउंट भी खोला गया है। इस बैंक अकाउंट में 6 करोड रुपए जमा किए गए हैं।
मनी लांड्रिंग केस बताकर डराया
जालसाजों ने शिकायतकर्ता को यह भी बताया कि इस बैंक अकाउंट में जो पैसे जमा है उसकी नरेश गोयल मनी लांड्रिंग केस में जांच चल रही है। डिजिटल अरेस्ट के इन जालसाज़ों ने शिकायतकर्ता विपिन शाह को कहा कि वह 2 घंटे में अंधेरी पुलिस स्टेशन पहुंचे नहीं तो उनकी गिरफ्तारी तय है। जालसाज़ों ने उन्हें यह भी बताया कि उनके खिलाफ दो अरेस्ट वारंट निकल चुके हैं। जब विपिन शाह ने अंधेरी पुलिस स्टेशन जाने में असमर्थता जाहिर की, तब इन्हें डर दिखाया गया कि आपको इस केस में चार साल की सज़ा होगी। इस केस में वीडियो कॉल के दौरान सिर्फ अंधेरी पुलिस स्टेशन के बोर्ड का फोटो पीड़ित को दिखाया गया और पीछे से जालसाज शिकायतकर्ता को अलग-अलग निर्देश देकर पैसे हड़पने की जुगत लगाता रहा।
हासिल किए सारे डिटेल
डिजिटल अरेस्ट के जालसाज़ों ने शिकायतकर्ता से उनके बैंक के सारे डिटेल हासिल कर लिए। जालसाज़ों ने विपिन शाह को सख्त हिदायत दी थी कि जब तक वीडियो कॉल पर उनकी पूछताछ हो रही है उसे दौरान वह किसी भी शख्स से बात नहीं करेंगे और घर का दरवाजा बंद कर ले। विपिन शाह को वीडियो कॉल पर इस पूरे मामले से बचने के लिए तीन रास्ते भी सुझाए गए। पहले रास्ते में जालसाजों ने बताया कि आपको दिल्ली आना होगा 6 दिनों तक आपसे पूछताछ होगी आप कहीं आ जा नहीं पाएंगे और तब आपका नाम इस मामले से क्लियर हो सकता है। दूसरे रास्ते में बताया गया कि आपको हम एक वकील दे सकते हैं लेकिन उनकी फीस 3 लाख रुपये होगी। वहीं तीसरे रास्ते में जालसाज़ों ने विपिन शाह को बोला कि हम सरकार की तरफ से आपको वकील मुहैया करा कर देंगे।
अकाउंट में ट्रांसफर करने को कहा
विपिन शाह ने तीसरा रास्ता चुना लेकिन साथ ही जलसाजों ने यह भी कहा कि अभी जो आपके अकाउंट में सारे पैसे हैं वह उनके द्वारा दिए गए अकाउंट में ट्रांसफर करने होंगे और जांच करने के बाद वह पैसे उन्हें वापस कर दिए जाएंगे। यकीन दिलाने के लिए जालसाजों ने विपिन शाह को कहा कि बैंक में एक डिजिटल नंबर होता है वह ट्रांसफर के दौरान उन्हें पता चलेगा और उसी से समझ में आएगा कि आप मनी लांड्रिंग के मामले में लिप्त है या नहीं। इसके बाद विपिन शाह अपने घर से निकले और पैदल बैंक गए।
पूरे वक्त वीडियो कॉल पर फ्रॉड
इस दौरान जालसाज पूरे वक्त वीडियो कॉल पर उनसे संपर्क में था। बैंक में पहुंचने के बाद विपिन शाह ने 10 लाख ट्रांसफर करने की अर्जी बैंक कैशियर को दी जिसके बाद उन्हें बताया गया कि उनके अकाउंट में सिर्फ 8,66,000 हैं। विपिन शाह बाहर आए वीडियो कॉल पर मौजूद शख्स को बताया कि उनके अकाउंट में सिर्फ 8,66,000 है जिसके बाद उन्हें उतने ही पैसे ट्रांसफर करने को कहा गया। विपिन शाह अंदर गए और उन्होंने पूरे पैसे जलसाजों के बताए गए बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। विपिन शाह ने जब यह बात अपनी बेटी को बताई तो बेटी को समझते देर नहीं लगी कि उनके पिता के साथ फ्रॉड हो गया है।
बेटी ने समझा मामला और तुरंत करवाई एफआईआर
दरअसल पिछले कुछ दिनों से सरकार और दूसरी कई एजेंसियों द्वारा डिजिटल अरेस्ट को लेकर अवेयरनेस कैंपेन चलाया जा रहा है। इसी कैंपेन में पिछले कुछ दिनों से हर फोन कॉल के पहले आपको इस बात की जानकारी दी जाती है कोई भी शख्स सीबीआई, ईडी, पुलिस, जज बनकर अगर आपको फोन करता है और अरेस्ट करने की धमकी देता है तो उसके बातों में ना आए यह जालसाजी का नया तरीका है। विपिन शाह की बेटी जेतल शाह ने वह रिकॉर्डिंग सुन रखी थी जिसके बाद वह सीधे पुलिस थाने पहुंची और वहां पर मामला दर्ज कराया गया।
टीम पहुंची बैंक
मुंबई पुलिस के मलाड पुलिस थाने की टीम ने बिना देर किए मामला दर्ज किया। जांच में पता चला कि विपिन शाह ने मुंबई के ही बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र में यह पैसे ट्रांसफर किए थे। पुलिस जब बैंक पहुंची तब तक बैंक बंद हो चुका था लेकिन बैंक कर्मियों ने सहायता करते हुए उस अकाउंट को फ्रिज किया लेकिन तब तक पता चला कि अकाउंट से जालसाजी के पैसे सूरत के एक अकाउंट में ट्रांसफर हुए हैं। जांच में यह भी पता चला की सूरत में जिस अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए गए हैं वहां से कुछ पैसे निकाल लिए गए है। इस मामले में जालसाजों ने पैसे निकालने के लिए चेक का इस्तेमाल किया था।
सूरत से की गिरफ्तारी
पुलिस बिना देर किए हुए 21 तारीख की रात यानी कि शनिवार को ही सूरत के लिए रवाना हो गई। रविवार को वह बैंक के लोगों से मिली। बैंक बंद होने के बावजूद भी बैंक कर्मियों ने सारी जानकारी मुंबई पुलिस को मुहैया कराई। साथ ही सीसीटीवी फुटेज में उन आरोपियों को भी दिखाया जो शनिवार को बैंक में पैसे निकालने पहुंचे थे। इसके बाद मुंबई पुलिस ने जाल बिछाया और सोमवार को उन चारों का इंतजार उसी बैंक में करने लगी। जैसे ही यह जालसाज बैंक में पैसे निकालने पहुंचे, पुलिस ने उन्हें धर दबोचा। पुलिस ने इस मामले में चार गिरफ्तारियां की है। गिरफ्तार लोगों के नाम जय असौद्रिया, संदीप केवडीया, धर्म गोहिल और जय मोरडिया है।
कोई और है मास्टरमाइंड
पुलिस के मुताबिक, इन 4 लोगों का काम अकाउंट आईडेंटिफाई करना और उसमें से पैसे निकाल कर आगे फॉरवर्ड करने का था। पूछताछ में पता चला कि इनका मास्टमाइंड कोई और है और वह इन लोगों को रोज के हिसाब से पैसे दिया जाता है किसी को रोजाना 7000 तो किसी को 5000 तो किसी को 3000 देता था। यह लोग गरीब तबके के लोगों को पैसे का लालच देकर उनके अकाउंट्स का डिटेल, उनका चेक बुक हासिल कर लेते और जालसाजी के आए हुए पैसे वहां से निकलकर आगे मास्टरमाइंड को ट्रांसफर करते थे।
पुलिस के मुताबिक ऐसे मामले में अलग-अलग कई टीम काम करती है और एक टीम का दूसरी टीम से कोई संपर्क नहीं होता। ऐसे केसे में कॉलिंग टीम यानी की विक्टिम को आईडेंटिफाई करके कॉल करने वाली टीम अलग होती है। अकाउंट मैनेज करना और उससे पैसे निकालने वाली टीम अलग होती है। जालसाजी के आए हुए पैसे जिनके पास जाते हैं वह उसे क्रिप्टो करेंसी में कन्वर्ट करते हैं इसके लिए एक अलग टीम होती है। पुलिस फिलहाल इस मामले में इस केस के मास्टरमाइंड को तलाश रही है। पुलिस का कहना है की इन चारों ने अपने मास्टरमाइंड का नाम बताया है जिसे पुलिस ढूंढने की कोशिश कर रही है।