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Mumbai News: मुंबई मेट्रो रेल निगम लिमिडेट को सुप्रीम कोर्ट का आदेश, आरे कॉलोनी में पेड़ों को नहीं होना चाहिए नुकसान

Mumbai News: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मुंबई मेट्रो रेल निगम लिमिटेड (एमएमआरसीएल) को निर्देश दिया कि वह मुंबई की आरे कॉलोनी में कोई पेड़ नहीं काटे जाने के अपने वचन का सख्ती से पालन करे और चेतावनी दी कि किसी भी तरह का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

Edited By: Shashi Rai @km_shashi
Published : Aug 24, 2022 13:59 IST, Updated : Aug 24, 2022 13:59 IST
Supreme Court
Image Source : ANI Supreme Court

Highlights

  • मुंबई मेट्रो रेल निगम लिमिडेट को सुप्रीम कोर्ट का आदेश
  • आरे कॉलोनी में पेड़ों को नहीं होना चाहिए नुकसान

Mumbai News: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मुंबई मेट्रो रेल निगम लिमिटेड (एमएमआरसीएल) को निर्देश दिया कि वह मुंबई की आरे कॉलोनी में कोई पेड़ नहीं काटे जाने के अपने वचन का सख्ती से पालन करे और चेतावनी दी कि किसी भी तरह का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। न्यायमूर्ति यू. यू. ललित की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि वह 30 अगस्त को मामले की सुनवाई करेंगे। इससे पहले, महाराष्ट्र सरकार के वकील ने दस्तावेजों को जुटाने के लिए समय मांगा था। पीठ में न्यायमूर्ति एस. आर. भट और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया भी शामिल थे। पीठ ने कहा, ‘‘एमएमआरसीएल के वकील का कहना है कि उनके मुवक्किलों ने पहले ही एक हलफनामा दायर किया है कि किसी भी तरह से कोई पेड़ नहीं काटा गया है या नहीं काटा जाएगा। एमएमआरसीएल निदेशक द्वारा उक्त हलफनामे को पहले ही रिकॉर्ड में ले लिया गया है और एमएमआरसीएल इसका सख्ती से पालन करने के लिए बाध्य है।’’ 

पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया था

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अनीता शेनॉय ने आरोप लगाया कि शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद पेड़ काटने और जमीन समतल करने का काम जारी है। एमएमआरसीएल ने पहले उच्चतम न्यायालय को बताया था कि अक्टूबर 2019 के बाद मुंबई की आरे कॉलोनी में कोई पेड़ नहीं काटा गया है। शीर्ष अदालत ने 2019 में तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश को संबोधित विधि के एक छात्र के पत्र पर संज्ञान लेते हुए इसे याचिका में बदल दिया था। पत्र में आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया था। 

‘ग्रीन जोन’ में 2,600 से अधिक पेड़ों को काटने की अनुमति दी गई थी

सॉलिसिटर जनरल द्वारा महाराष्ट्र राज्य की ओर से निवेदन किए जाने के बाद कि आगे कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा, शीर्ष अदालत ने अधिकारियों को आरे कॉलोनी में और पेड़ काटने से रोक दिया था। कॉलोनी में पेड़ों की कटाई का हरित कार्यकर्ताओं और निवासियों ने विरोध किया है। अक्टूबर 2019 में बंबई उच्च न्यायालय ने आरे कॉलोनी को वन क्षेत्र घोषित करने से इनकार कर दिया और मुंबई नगर निगम के उस फैसले को रद्द करने से इनकार कर दिया, जिसमें मेट्रो कार शेड स्थापित करने के लिए ‘ग्रीन जोन’ में 2,600 से अधिक पेड़ों को काटने की अनुमति दी गई थी। 

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