Highlights
- शिवसेना गद्दारों से नहीं, शिवसैनिकों के खून से बड़ी हुई है: उद्धव
- उद्धव ठाकरे ने शिंदे सरकार को दी चेतावनी: उद्धव
- महाराष्ट्र की मिट्टी गद्दारी के बाद मर्दों को जन्म देती है, नामर्दों को नहीं: उद्धव
Mumbai News: महाराष्ट्र में शिंदे सरकार और उद्धव गुट के बीच तनातनी जारी है। इस बीच महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने शिवसेना की दशहरा रैली को लेकर शिंदे सरकार को चेतावनी दी है। उद्धव ने कहा कि चाहें कुछ भी हो जाए, शिवाजी पार्क मैदान में ही दशहरा रैली करेंगे। उन्होंने कहा कि शिवसेना की दशहरा रैली मुंबई के शिवाजी पार्क में ही होगी। राज्यभर से शिवसैनिक इस रैली के लिए पहुंचेंगे।
उद्धव ने कहा कि सरकार अनुमति देगी या नहीं, ये तकनीकी बातें हम नहीं जानते। हम रैली करेंगे। कोई नहीं कर रहा है, इस बात से हमें फर्क नहीं पड़ता है। जिनके खून में निष्ठा है, वो शिवसेना है। शिवसेना गद्दारों से नहीं बल्कि शिवसैनिकों के खून से बड़ी हुई है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की मिट्टी गद्दारी के बाद मर्दों को जन्म देती है, नामर्दों को नहीं। सत्तापक्ष के साथ लोग अमूमन जाते हैं लेकिन लोग शिवसेना में आ रहे हैं। मुझे जो बोलना है, उसे दशहरा रैली में बोलूंगा।
गुलाम नबी के कांग्रेस छोड़ने पर भी बोले उद्धव ठाकरे
गुलाब नबी आजाद ने राहुल गांधी पर आरोप लगाकर कांग्रेस छोड़ी, इस मुद्दे पर भी उद्धव ठाकरे ने बयान दिया। उन्होंने कहा कि लोग ऐसा ही करते हैं। कोई खुशहाली का कारण बताकर पार्टी नहीं छोड़ता। हमारी पार्टी में भी वही हुआ। जो लोग गद्दारी कर गए, उन्हें ही मालूम नहीं कि उन्होंने पार्टी क्यों छोड़ी।
बता दें कि आज हिंगोली जिले के कांग्रेस, बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने उद्वव ठाकरे की उपस्थिति में मातोश्री में शिवसेना में प्रवेश किया है।
इस्तीफे के बाद गुलाम नबी आजाद ने क्या कहा?
कांग्रेस से इस्तीफे के बाद गुलाम नबी आजाद ने पीएम मोदी की तारीफ की है और कांग्रेस पर निशाना साधा है। गुलाम नबी ने कहा, 'नरेंद्र मोदी और बीजेपी से वो मिले हैं, जो उनका सपना पूरा कर रहे हैं, मैं उनसे नहीं मिला हूं। मुझे घर वालों ने घर छोड़ने पर मजबूर किया। घर वाले अगर नहीं चाहते है कि मैं वहां रहूं तो अक्लमंद आदमी वो है, जो घर से निकल जाए।' गुलाम नबी ने कहा, 'मोदी तो सिर्फ एक बहाना है। इनकी (कांग्रेस) आंखों में जी-20 के लेटर के बाद से मैं खटक रहा था। ये लोग चाहते थे कि हमको कोई लेटर नहीं लिखे क्योंकि हम कानून से परे हैं। कांग्रेस जीरो भी लाए, फिर भी इनसे कोई कुछ नहीं पूछेगा। लेकिन हमने जब इनकी फंक्शनिंग और वर्किंग को चैंलेंज किया और कहा कि इनके इलेक्शन नहीं हो रहे हैं, उस दिन से मैं इनको खटकने लगा।'