मुंबई: महाराष्ट्र का जिक्र होते ही हमारे मन में वहां की सियासत की बातें घूमने लगती है, क्योंकि पिछले साल से वहां की राजनीति में काफी उठा-पटक हुई थी। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी कहानी बताने जा रहे हैं, जिसमें सियासतदान तो हैं पर उनके द्वारा की गई मदद, जो किसी के लिए वरदान साबित हो गई। दरअसल, ठाणे शहर के एक युवक (शुभम बोटे) जिसका आर्मी में सेलेक्शन हो गया था, लेकिन पुलिस वेरीफिकेशन होने में कई अड़चनें आ रही थीं। जिसके बाद उसे कुछ भी सूझ नहीं रहा था। इसके बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उसकी मदद की। जिसके बाद युवक ने ट्विटर पर फडणवीस की जमकर तारीफ की।
"आप सच में देवता है"
शुभम बोटे ने अपने ट्विटर पर लिखा कि देवेंद्र फडणवीस आपके नाम में ही सिर्फ देव नहीं हैं बल्कि आप सच में देवता हैं। मेरी आर्मी में नौकरी लगी थी, लेकिन पुलिस वेरिफिकेशन में दिक्कत आ रही थी। बहुत कोशिश करने के बाद भी यह समस्या हल नहीं हो रही थी। कुछ समय बाद लग रहा था हाथ में आई नौकरी निकल गई। मैं बेचैन हो गया था, माता-पिता के गोद में सिर रख कर मैं जोर-जोर से रोने लगा। आर्मी में भर्ती होकर देश सेवा का मेरा सपना टूट चुका था। इतना सब होने के बाद मेरे आंखों के सामने अंधेरा छा चुका था।
शुभम ने आगे लिखा, एक दिन मैं सोशल मीडिया पर स्क्रोल कर रहा था, उसी वक्त फेसबुक पर देवेंद्र फडणवीस के पेज का एक अपडेट आया। मैनें सोचा कि मेरे साथ हुआ वाकया देवेंद्र फडणवीस को बताने से कुछ हो सकता है क्या? इसके बाद मैंने देवेंद्र फडणवीस के पोस्ट पर रोज कमेंटस, लाइक करने वाले दो-तीन लोगों को मैसेज भेजा। इस दौरान गणेश कराड नाम के व्यक्ति से मेरा संपर्क हुआ। उन्होंने मुझे देवेंद्र फडणवीस के पीए मनोज मुंडे का फोन नंबर दिया।
पुलिस वेरिफिकेशन का आखिर दिन और आया फडणवीस का फोन
शुभम के मुताबिक, 20 मार्च दोपहर 2 बजे तक पुलिस वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को हर हाल में पूरा करना था। समय बीतता जा रहा था लेकिन कुछ हो नहीं रहा था। ऐसे में 20 मार्च की सुबह शुभम के फोन की घंटी बजती है और सामने से आवाज आई, हेलो, मैं देवेंद्र फडणवीस बोल रहा हूं। शुभम ने इंडिया टीवी को बताया कि एक पल के लिए तो उसे यकीन ही नहीं हुआ कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री खुद फोन कर उससे बात कर रहे हैं। उसने किसी तरह खुद को संभाला और फडणवीस से बात की। फडणवीस ने पहले शुभम को शुभकामनाएं दी और कहा कि मुझे पूरा वाकिया का पता चला है आप निश्चिंत रहिए। देवेंद्र फडणवीस के फोन कॉल के बाद प्रशासन हरकत में आया और महज कुछ घंटों में पुलिस वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी हो गई।
शुभम ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में आगे लिखा, मुंह से निवाला छूट गया था लेकिन दोबारा मेरे मुंह में यह अन्न डालने का काम (देवेंद्र फडणवीस) इस देवता इंसान ने किया.. थैंक्यू अन्नदाता..
कौन है शुभम बोटे?
इस भावुक सोशल मीडिया पोस्ट पर इंडिया टीवी ने शुभम से विस्तार से बात की। शुभम ने बताया कि वह मुंबई से सटे ठाणे शहर के अंबरनाथ इलाके में रहता है। शुभम की उम्र 22 साल है और 12th विज्ञान का छात्र है। आर्मी में बतौर सिपाही पद पर उसकी भर्ती हुई है। शुभम के पिता पेशे से ड्राइवर हैं। आर्मी में नौकरी लगने के बाद बोटे परिवार बेहद खुश था लेकिन जब पुलिस वेरिफिकेशन की वजह से मामला अटका तब पूरा परिवार परेशान हो गया था लेकिन देवेंद्र फडणवीस मसीहा बनकर आए और बोटे परिवार में दोबारा खुशियां लौट आई। शुभम ने इंडिया टीवी से कहा कि नेता तो कई होते हैं जो वादे करते हैं पर कभी अपने वादे पूरा नहीं करतें लेकिन देवेंद्र फडणवीस सच में आम जनता के नेता है जो मदद करते हैं। वहीं, शुभम के माता-पिता ने भी देवेंद्र फडणवीस को ढेरों शुभकामनाएं देते हुए उन्हे गरिबों का मसीहा कहा।
न मैं देवता न अन्नदाता- फडणवीस
शुभम की बातों को पढ़कर खुद देवेंद्र फडणवीस भी भावुक हो गए। उन्होंने शुभम के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए लिखा कि 'प्रिय शुभम आपने उत्साह में बहुत कुछ लिख दिया। लेकिन मैं न तो देवता हूं और न ही अन्नदाता। मैं सिर्फ कोशिश करता रहता हूं जितना हो सके उतना लोगों के काम आ सकूं। राष्ट्र सेवा की आपकी जिद सच में अभिमान की बात है। देश सेवा के लिए आपको शुभेच्छा.. जय हिंद।
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