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Bombay High Court ने विशालगढ़ किले में चल रहे अतिक्रमण मुक्त अभियान पर रोक लगाई

बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में विशालगढ़ किले में संरचनाओं को ध्वस्त करने पर रोक लगाने वाली याचिका पर सुनवाई की और अतिक्रमण मुक्त अभियान पर रोक लगा दी। अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी।

Reported By : Atul Singh Written By : Pankaj Yadav Updated on: July 19, 2024 14:37 IST
बॉम्बे हाईकोर्ट ने अतिक्रमण मुक्त अभियान पर लगाई रोक- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA बॉम्बे हाईकोर्ट ने अतिक्रमण मुक्त अभियान पर लगाई रोक

महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के विशालगढ़ किले में अतिक्रमण हटाने के अभियान पर मुंबई हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। विशालगढ़ किले में हुए हिंसक घटना के बाद बाम्बे हाईकोर्ट में तत्काल सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई जस्टिस बर्गिस कुलाबावाला और जस्टिस फिरदोश पुनीवाला की बेंच के सामने सुनवाई हुई। जिसमें कोर्ट ने आदेश दिया कि विशालगढ़ में कोई भी आवासीय अतिक्रमण नहीं तोड़ा जाएगा। कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए पुलिस को विशालगढ़ कार्रवाई पर रिपोर्ट देने को कहा है। साथ ही साथ कोर्ट ने स्थानीय प्रशासन द्वारा विशालगढ़ में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। मामले पर अब अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी। 

याचिका पर कोर्ट ने गंभीरता से संज्ञान लिया

याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील सतीश तालेकर और माधवी अय्यप्पन ने इन निर्माणों के खिलाफ कार्यवाही के दौरान हुई घटनाओं को लेकर कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा। विशालगढ़ में संरचनाओं को ध्वस्त करने पर रोक लगाने की मांग की गई थी। इस याचिका पर अंतिम सुनवाई तक विशालगढ़ में निर्माणों को सुरक्षित रखने की मांग की गई है। 

याचिका में किया गया ये दावा

विशालगढ़ पर अतिक्रमण हटाने के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा चलाए गए अभियान और विशालगढ़ को अतिक्रमण से बचाने के लिए दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा बुलाए गए आंदोलन के दौरान हिंसक घटना हुई थी। कोर्ट में लगाई गई याचिका में दावा किया गया है कि 14 जुलाई 2024 को कथित गुंडे लोहे की छड़ों और हथौड़ों से लैस थे, जिन्होंने वहां के निवासियों पर हमला किया और पथराव भी किया। दावा है कि इस दौरान लोगों ने दरगाह के गुंबद पर चढ़कर इसे ध्वस्त किया था। याचिका में यह भी कहा गया है कि वहां पर सांप्रदायिक नारे लगाए जा रहे थे और "पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने का दिखावा किया, जबकि हिंसक भीड़ ने महिलाओं और बच्चों सहित कई निवासियों को बेरहमी से पीटा और कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया।" जिला प्रशासन का कहना है कि वे अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। हालांकि, याचिकाकर्ताओं ने ध्वस्तीकरण अभियान के समय पर सवाल उठाते हुए दावा किया कि उनके निर्माण अवैध नहीं थे। 

इतिहास के नजरिए से महत्वपूर्ण है विशालगढ़ किला

महाराष्ट्र के कोल्हापुर से 76 किमी दूर उत्तर पश्चिम में मौजूद करीब 1000 साल पुराना विशालगढ़ किला (Vishalgad Fort), जो कभी छत्रपति शिवाजी महाराज (Shivaji Maharaj) की वीरगाथा का गान करता था, आज जंग का अखाड़ा बना हुआ है। ये किला आज अवैध कब्जे को लेकर विवादों में है। ये वही किला है, जिसमें प्रवेश करने से शिवाजी महाराज को सिद्दी मसूद की फौज तक नहीं रोक सकी थी। यह किला शिवाजी महाराज की शरणस्थली रहा है। यह ऐतिहासिक किला आज अतिक्रमण (Encroachment) की चपेट में है। 14 जुलाई को जैसे ही पूर्व सांसद संभाजी राजे (Sambhaji Raje) जैसे ही अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंचे, वहां 'जय भवानी', 'जय शिवाजी' और 'जय श्री राम' के नारे गूंजने लगे। इसी दौरान कुछ उपद्रवियों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। देखते ही देखते बवाल इतना बढ़ गया कि वहां पर पथराव शुरू हो गया। इतना ही नहीं कुछ उपद्रवियों ने आगजनी और तोड़फोड़ शुरू कर दी। विशालगढ़ किले में अवैध अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यहां पर एक दरगाह को अवैध तरीके से आगे बढ़ाया जा रहा है, और जानवरों की हत्या की जा रही है। यहां पर चल रहे अतिक्रमण को हटाने को लेकर सोशल मीडिया पर काफी दिनों से अपील की जा रही थी। हिंदू समुदाय की मांग है कि अवैध अतिक्रमण हटाकर किले की मूल विरासत को फिर से बहाल किया जाए।

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