मुंबई। मुंबई के भांडुप ड्रीम मॉल की पहली मंजिल पर आग लगने के बाद तीसरी मंजिल पर बने सनराइज अस्पताल में 11 कोविड मरीजों की दुखद मौत हो गई थी। इस आग के बाद जो धुंआ उठा उसने पूरे अस्पताल को, हर एक कमरे को, महिला पुरुष वार्ड को घेर लिया था। इस आगजनी के बाद पहली बार अस्पताल के अंदर कोई न्यूज़ चैनल पहुंचा और अंदर आगजनी की भयावहता कैमरे में कैद की।
आग के बाद पहली बार सीसीटीवी फुटेज सामने आया, जिसमें साफ दिखाई दे रहा है कि किस तरह सनराइज अस्पताल के डॉक्टरों की टीम, नर्स की टीम अस्पताल में जो 78 कोविड मरीज भर्ती थे उनकी जान बचाती नजर आ रही है। इंडिया टीवी की टीम उस सीसीटीवी कैमेरे के पास कॉरिडोर में गई जिसमें ये पूरी घटना स्टाफ द्वारा मरीजों को बचाए जाने की कैद हुई है।
इस अस्पताल में उस वक्त करीब 30 कर्मचारी मौजूद थे, जिसमें डॉक्टर्स, नर्स और बाकी हेल्थ स्टाफ शामिल थे। कोविड मरीजों की जान बचाने वाले स्टाफ ने इंडिया टीवी को उस रात की भयावहता, डर और मरीजों में जान बचाने का खौफ का आंखों देखा मंजर बताया। हम इस अस्पताल के उस स्पेशल लेडीज़ वार्ड में भी गए, जिसमें करीब 29 लेडीज मरीज थे और आग जब पहली मंजिल पर लगी तब तीसरी मंजिल पर बनाये गए इस अस्पताल में कुछ ही देर में धुंआ इतना फैल गया कि एक-दूसरे को देखना मुश्किल था। ऐसे में अंदाज में एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर हॉस्पिटल स्टाफ ने बहादुरी दिखाते हुए सभी महिला मरीजों को बाहर निकलकर कैफेटेरिया एरिया में सुरक्षित लेकर आए।
इंडिया टीवी की टीम इस अस्पताल के कुछ कमरों में गई और हर कमरे में मरीजों की दवाइयां, कपड़े, कम्बल जस के तस बिखरे पड़े थे। हर चीज धुंए के काले रंग में रंगी हुई थी। फेम्बी फ्लूए से लेकर कोरोना की हर दवाएं यहां वहां बिखरी हुई थी। अस्पताल के तीसरे फ्लोर से नीचे देखने पर आग की भयावहता साफ नजर आ रही थी। पूरा माल ऊपर से नीचे तक जल चुका है। करीब 500 से ज्यादा दुकानें, अस्पताल के कई कमरे, हाल, कैफेटेरिया एरिया सबकुछ जलकर खाक हो चुका है।
इस आगजनी मामले में फायर ब्रिगेड की जांच रिपोर्ट आई है, जिसमें साफ तौर पर पहली मंजिल की शॉप नम्बर 140 में आग लगने और बाद में पूरी आग माल और अस्पताल एरिया में फैलने का जिक्र किया गया है। साथ ही फायर रिपोर्ट में मॉल के एडमिनिस्ट्रेशन पर आरोप लगा है कि मॉल में फायर फाइटिंग सिस्टम को बिल्कुल अनदेखा किया गया, जिसके कारण आग तेजी से पहली मंजिल से ऊपरी मंजिल और फिर सन राइज अस्पताल तक पहुंची। साथ ही माल में जगह जगह कूड़े का ढेर, एग्जिट गेट पर गार्बेज भी भरा हुआ था जिससे आग तेजी से फैली और आग बुझाने में काफी समय लग गया जिससे धुंआ ज्यादा फैला और अस्पताल के अंदर मरीजो की दिक्कत बढ़ गई। ऐसे में अगर डॉक्टर्स नर्स बहादुरी नहीं दिखाते तो कई और मरीजो की मौत हो सकती थी।