Saturday, December 21, 2024
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एक्स वाइफ ही नहीं, 3 कुत्तों का भी गुजारा भत्ता देगा यह पति, जानिए मुंबई कोर्ट ने क्यों दिया ऐसा आदेश

इस कपल की शादी 1986 में दूसरे भारतीय शहर में हुई थी। इनकी दो बेटियां हैं जो विदेश में बस गई हैं, लेकिन 2021 में पति-पत्‍नी के बीच मतभेद हो गए और उन्होंने भरण-पोषण भत्ता और अन्य सुविधाओं का आश्‍वासन देकर पत्‍नी को मुंबई भेज दिया।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Jul 11, 2023 21:53 IST, Updated : Jul 11, 2023 21:53 IST
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Image Source : FILE PHOTO कोर्ट ने व्यक्ति को पूर्व पत्‍नी के 3 कुत्तों लिए गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया (प्रतिकात्मक तस्वीर)

मुंबई: पालतू जानवर रिश्तों के टूटने के बाद उत्पन्न होने वाली भावनात्मक कमी को पूरा करने में मदद कर सकते हैं, यह बात मुंबई की एक कोर्ट ने एक व्यक्ति को उसकी अलग हुई पत्‍नी के 3 पालतू कुत्तों के लिए गुजारा भत्ता देने का आदेश देते हुए कहा। बांद्रा कोर्ट मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोमलसिंह राजपूत ने हाल ही में एक व्यक्ति की उस दलील को खारिज कर दिया, जिसमें उसने अपनी 55 वर्षीय पत्‍नी को मिलने वाले भरण-पोषण भत्ते में कटौती की मांग की थी, जिसमें उसके 3 पालतू कुत्तों पर खर्च के लिए पैसे भी शामिल थे। उसकी दलीलों को खारिज करते हुए मजिस्ट्रेट ने कहा कि "पालतू जानवर भी सभ्य जीवनशैली का हिस्सा हैं... मनुष्य के स्वस्थ जीवन जीने के लिए आवश्यक हैं, क्योंकि वे टूटे हुए रिश्तों के कारण होने वाली भावनात्मक कमी को पूरा करते हैं।"

कोर्ट ने कहा- हर महीने 50 हजार दो

कोर्ट ने कहा कि यह महिला और उसके 3 पालतू कुत्तों के लिए रखरखाव राशि को कम करने का आधार नहीं हो सकता। घरेलू हिंसा की शिकार महिला ने घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम की धारा 12 के तहत प्रति माह 70,000 रुपये का गुजारा भत्ता मांगा था, लेकिन उसके पूर्व पति ने इसे इस आधार पर चुनौती दी कि वह अपने 3 पालतू कुत्तों के लिए भी गुजारा भत्ता चाहती है। कोर्ट ने उसकी याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार कर लिया और उसके पूर्व पति को भरण-पोषण भत्ते के रूप में 50,000 रुपये प्रति माह देने का निर्देश दिया है।

1986 में हुई थी शादी, 2021 में हो गए मतभेद
मजिस्ट्रेट ने इस तथ्य को ध्यान में रखा कि दोनों पक्ष अच्छी वित्तीय पृष्ठभूमि वाले हैं, पति के व्यावसायिक घाटे के दावों का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं था और अदालत ने महसूस किया कि पत्‍नी को दिया जाने वाला गुजारा भत्ता उसकी जीवनशैली और अन्य जरूरतों के अनुरूप होना चाहिए। इस जोड़े की शादी 1986 में दूसरे भारतीय शहर में हुई थी। इनकी दो बेटियां हैं जो विदेश में बस गई हैं, लेकिन 2021 में पति-पत्‍नी के बीच मतभेद हो गए और उन्होंने भरण-पोषण भत्ता और अन्य सुविधाओं का आश्‍वासन देकर पत्‍नी को मुंबई भेज दिया।

बाद में पत्‍नी ने आरोप लगाया कि उसके पति ने अपना वादा नहीं निभाया, वह घरेलू हिंसा करता था। महिला के पास आय का कोई स्रोत नहीं था, वह खराब स्वास्थ्य से पीड़ित थी और उसके तीन कुत्ते उसी पर निर्भर थे।

(इनपुट- IANS)

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