मुंबई के बांद्रा टर्मिनस में हुए हादसे का वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि प्लेटफॉर्म नंबर एक पर भारी भीड़ थी। लोग काफी देर से ट्रेन का इंतजार कर रहे थे और जैसे ही ट्रेन प्लेटफॉर्म पर लगी, वैसे ही लोग चढ़ने के लिए टूट पड़े। इस दौरान जमकर धक्का-मुक्की हुई और कुछ लोग नीचे गिर गए। हालांकि, बाकी लोग रुके नहीं और ट्रेन में चढ़ने के लिए उन्हें रौंदते हुए चले गए। इसी वजह से 10 लोग घायल हो गए। इनमें से दो की हालत गंभीर है।
मुंबई से गोरखपुर जाने वाली इस ट्रेन में कुल 22 कोच हैं और ये सभी सामान्य कोच हैं। सामान्य कोच में चढ़ने की जल्दीबाजी इसलिए भी होती है, क्योंकि अनारक्षित सीट पर जो पहले बैठ गया। सीट पूरे सफर के लिए उसी की हो जाती है। इसी वजह से लोग ट्रेन में चढ़ने के लिए दौड़े थे।
भारी सामान भी बना परेशानी
वीडियो में देखा जा सकता है कि लोग अपने सिर पर बड़े-बड़े बोरे और ड्रम लेकर जा रहे थे। इसी वजह से जब लोग एक दूसरे के ऊपर से गुजरे तो उनके ऊपर सामान भी रखते चले गए। इस बीच किसी ने भी जमीन पर गिरे लोगों की उठाने की कोशिश नहीं की। सभी को ट्रेन में चढ़ने की जल्दी थी। लोगों के इसी अमानवीय व्यवहार के चलते कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। 1000 से 1500 लोगों की क्षमता वाले पलटफॉर्म पर 2500 के करीब लोग इकट्ठा हो गए थे। यह ट्रेन रीशेड्यूल भी हुई थी। ऐसे में जब ट्रेन प्लेटफॉर्म पर पहुंची तो इसमें चढ़ने के लिए भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में 10 लोग घायल हो गए।
रेलवे ने क्या कहा?
भारतीय रेलवे की तरफ से बताया गया कि बांद्रा गोरखपुर एक्सप्रेस साप्ताहिक ट्रेन है। यह रीशेड्यूल हुई थी। यह गाड़ी सुबह 5 बजकर 10 मिनट पर चलने वाली थी। री शेड्यूल होने के बाद रविवार सुबह गाड़ी प्लेटफॉर्म पर आई। रात तीन से साढ़े तीन बजे के आसपास गाड़ी आई। स्टेशन पर भीड़ ज्यादा होने से ट्रेन में चढ़ने के लिए भगदड़ सी मच गई। कुल 10 लोग घायल हुए। ट्रेन आखिरकार 5 बजकर 10 मिनट पर रवाना हो गई। वेस्टर्न रेलवे की तरफ से कहा गया है कि अंत्योदय एक्सप्रेस जब प्लेटफॉर्म पर लग रही थी, तब ट्रेन की स्पीड काफी कम थी। ऐसे में कई लोगों ने चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश की और दो यात्री गिरकर घायल हो गए। यात्रियों से अनुरोध हैं, चलती हुई ट्रेन में न चढ़े-उतरें, यह खतरनाक है। दिवाली और छठ त्योहार को देखते यात्रियों की सुविधा के लिए, उनको देश के विभिन्न भागों विशेषकर यूपी और बिहार में उनके गंतव्यों तक पहुंचाने के लिए 130 से अधिक फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रहीं हैं।