मुंबई: देश की राजधानी दिल्ली के बाद अब आर्थिक राजधानी मुंबई में भी पटाखे जलाने पर रोक लगा दी गई है। बीएमसी ने दिवाली में पटाखे जलाने पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है। बीएमसी अपने आदेश में कहा कि किसी भी सार्वजनिक, सरकारी या प्राइवेट जगहों पर पटाखे जलाने पर प्रतिबंध रहेगा। होटल ,रेस्टोरेंट ,पार्क ,पब जिम, क्लब में भी पटाखे नहीं जला सकते हैं। बीएमसी ने अपने आदेश में कहा है कि पटाखे जलाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि लक्ष्मीपूजन के दिन हल्के बिना आवाज वाले फटाखे फोड़ने की इजाजत दी गई है।
नगर निगम ने हालांकि 14 नवम्बर को लक्ष्मी पूजा वाले दिन ‘छोटे पटाखे’ जलाने की अनुमति दी है। उसने कहा कि मुम्बईवासी अपने निजी क्षेत्र में अनार और फुलझड़ी जला सकते हैं। बीएमसी ने एक परिपत्र में लोगों से दिवाली कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए एहतियात के साथ मनाने का आग्रह किया। राज्य सरकार के दिवाली पर पटाखे ना जलाने की अपील करने के बाद बीएमसी ने यह घोषणा की है। सरकार ने कहा था कि पटाखे जलाने से होने वाले प्रदूषण से कोविड-19 के मरीजों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
एक अधिकारी ने बताया कि राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने महामारी के दौरान वायु प्रदूषण से बचने के लिए बीएमसी से पटाखों पर प्रतिबंध लगाने की संभावना का पता लगाने के लिए कहा था। इसके बाद राज्य के जन स्वास्थ्य मंत्री रोजेश टोपे ने ‘पटाखा मुक्त’ दिवाली का प्रस्ताव रखा। हाल ही में कोविड-19 की संभावित दूसरी लहर की तैयारियों के लिए कोविड-19 कार्यबल के वरिष्ठ सदस्यों की समीक्षा बैठक में टोपे ने कहा था कि पटाखे जलाने से फेफड़ों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। कई अन्य राज्य भी दिवाली से पहले पटाखे जलाने के संबंध में इस तरह की घोषणा कर चुके हैं।
उधर, राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में नौ नवंबर मध्यरात्रि से लेकर 30 नवंबर को आधी रात तक सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया है। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल के नेतृत्व वाली एक पीठ ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि यह प्रतिबंध देश के हर उस शहर और कस्बे पर लागू होगा जहां नवंबर के महीने (पिछले साल के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार) में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ या उससे ऊपर की श्रेणियों में दर्ज की गई थी।
पीठ ने कहा, ‘‘ वैसे शहर या कस्बे जहां वायु गणवत्ता ‘मध्यम’ या उसके नीचे दर्ज की गई, वहां सिर्फ हरित पटाखों की बिक्री हो सकती है और दिवाली, छठ, नया साल/क्रिसमस की पूर्व संध्या जैसे अन्य मौकों पर पटाखों के इस्तेमाल और उन्हें फोड़ने की समय सीमा को दो घंटे तक ही सीमित रखी जा सकती है, जैसा कि संबंधित राज्य इसको तय कर सकते हैं।’’