महाराष्ट्र सरकार ने महिलाओं और लड़कियों को लेकर खास योजना शुरू की है। इसे मुख्यमंत्री लड़की बहन योजना नाम दिया गया है। अगले हफ्ते रक्षा बंधन से पहले महाराष्ट्र सरकार ने महिलाओं को खास सौगात दी है। ये योजना शनिवार यानी 17 अगस्त से शुरू की गई है। इस योजना के तहत राज्य की एक करोड़ से अधिक महिलाओं को प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता के रूप में प्रति माह 1,500 रुपये मिलेंगे। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने गुरुवार को इसकी घोषणा की।
डिप्टी सीएम ने किया ऐलान
उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि बुधवार को योजना के ट्रायल के दौरान कुछ पात्र महिलाओं को जुलाई और अगस्त के लिए 3,000 रुपये पहले ही मिल चुके हैं। उन्होंने कहा, 'हमें उम्मीद है कि एक करोड़ से ज्यादा पात्र महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये मिलने लगेंगे।'
21 से 65 आयु कि महिलाओं को मिलेगा लाभ
यह प्रमुख योजना शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पहले लागू की गई 'लाडली बहना योजना' से प्रेरित है। महाराष्ट्र की इस योजना को उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजीत पवार ने अनुपूरक बजट में शामिल किया है। इस पहल के लिए राज्य के खजाने से सालाना 46,000 करोड़ रुपये के आवंटन की आवश्यकता होगी। जैसा कि इस योजना में बताया गया है कि वंचित परिवारों (जिनकी सालाना आय सीमा 2.5 लाख रुपये है) की 21 से 65 आयु की आयु की महिलाओं को सरकार से मासिक वित्तीय सहायता मिलेगी।
जानिए क्या है पात्रता और दायरा?
इस योजना का लक्ष्य आर्थिक रूप से वंचित पृष्ठभूमि की महिलाएं हैं। हालांकि, विस्तृत पात्रता दिशा-निर्देशों को अभी पूरी तरह से रेखांकित किया जाना अभी बाकी है। उम्मीद है कि इस योजना में कई तरह की महिलाएं शामिल होंगी। खास तौर पर गरीबी रेखा से नीचे या सीमित आय वाली महिलाएं रहेंगी।
जानिए इस योजना से जुड़ी हुई प्रमुख बातें
- यह योजना केवल महाराष्ट्र की महिला निवासियों के लिए है।
- आवेदक महाराष्ट्र के स्थायी निवासी होने चाहिए।
- महिला आवेदकों की आयु 21 से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- विवाहित, अविवाहित, परित्यक्त, तलाकशुदा और निराश्रित महिलाएं सभी पात्र हैं।
- आवेदकों के पास अपने नाम से किसी भी बैंक में बैंक खाता होना आवश्यक है।
- आवेदक की पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।