प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र के MSC बैंक घोटाले मामले में PMLA कोर्ट में चार्जशीट दायर की है, जिसमें पूर्व उपमुख्यमंत्री व NCP नेता अजीत पवार और उनकी पत्नी को बड़ी राहत मिली है। ED की चार्जशीट में इन दोनों के नाम नहीं हैं। ईडी के अधिकारियों के मुताबिक, मामले में अजीत पवार और उनकी पत्नी के खिलाफ कोई तथ्यात्मक सबूत नहीं मिला है, जिसके चलते चार्जशीट में उनके नाम नहीं हैं।
अजीत पवार और उनकी पत्नी का नाम हटा
इस मामले में ईडी ने जुलाई 2021 में अजीत पवार और उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार से जुड़ी एक चीनी मिल को कुर्क किया था। हालांकि, अब ईडी ने चार्जशीट दोनों को आरोपी के तौर पर नामित नहीं किया है। सूत्रों के मुताबकि, अजीत पवार और उनकी पत्नी का नाम चार्जशीट से हटा दिया गया है। हालांकि, एमएससी बैंक घोटाले की जांच के दौरान सामने आई कुछ कंपनियों का नाम इसमें शामिल किया गया है।
'मामले में ईडी-सीबीआई का दुरुपयोग किया गया'
एमएससी बैंक घोटाला मामले में चार्जशीट में अजीत पवार और उनकी पत्नी का नाम नहीं होने पर उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने कहा, "इसका साफ मतलब है कि बीजेपी ने ईडी और सीबीआई का गलत इस्तेमाल किया। आपने जांच शुरू की, पवार परिवार और उनके रिश्तेदारों को परेशान किया और उनके परिसरों पर छापा मारा। अब आपको चार्जशीट में उनका नाम लेने के लिए उनके खिलाफ कुछ भी नहीं मिला है। इसके यह स्पष्ट है कि इस मामले में भी ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग किया गया था।"
चार्जशीट पर 19 अप्रैल को होगी हाई कोर्ट में सुनवाई
वहीं, इस मामले में चार्जशीट पर अभी हाई कोर्ट में सुनवाई होनी बाकी है। ईडी के अधिकारियों के मुताबिक, हाई कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होगी। इसके बाद ही तय हो सकेगा कि इस मामले में चार्जशीट को मंजूर कर कोर्ट अजीत पवार की राहत बरकरार रखेगी या नहीं। इसके मद्देनजर ईडी के अधिकारियों ने इस चार्जशीट पर अभी कोई आधिकारिक टिप्पणी से इनकार किया है।