मुंबई में सरकारी नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। यहां एक मां ने अपने बेटे की सरकारी नौकरी के लिए अपने गहने बेचकर पहले तो 10 लाख रुपये दिए। इसके बाद बेटे ने लगभग 12 महीने तक सफाई कर्मचारी की नौकरी की। फिर पता चला कि मां-बेटे के साथ सरकारी नौकरी के नाम पर धोखेबाजी हुई है। प्राथमिक रूप से मिली जानकारी के मुताबिक एक महिला और उसके बेटे के शिकायत के आधार पर मुंबई के माहिम पुलिस स्टेशन में तीन लोगों के ऊपर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है।
सरकारी नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी
दरअसल मुंबई की रहने वाली दाई पुरबिया ने अपने बेटे राजेश पुरबिया को बीएमसी में नौकरी दिलाने के लिए साल 2014 में अपने गहने बेचे थे। एक रिश्तेदार के संपर्क में आने बाद उनका तीन अन्य लोगों से संपर्क कराया गया। इस कारण सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर दाई पुरबिया ने तीनों को 10 लाख रुपये दे दिे। महिला ने अपने बेटे की नौकरी सुरक्षित रखने के लिए अलग-अलग किश्तों में पैसे दिए थे। महिला ने सबसे पहले अपने रिश्तेदार विरजी राठौर के जरिए दो अन्य लोगों से मुलाकात की। इसमें से एक व्यक्ति द्वारा उनसे काम के पहले 5 लाख और उसके बाद 5 देने को कहा गया। इसके बदले में उनके बेटे को मुंबई के बीकेसी में अलमेडा चौकी के पास सफाई कर्मचारी की नौकरी पर रखा जाएगा।
पुलिस ने दर्ज किया केस
ऐसा बताया जा रहा है कि राजेश पुरबिया ने साल 2016-17 में लगभग 1 साल तक काम भी किया और उन्हें एक नकली आईकार्ड भी दिया गा था। लेकिन कोई भी सैलरी नहीं मिली। इस बारे में जब उन्होंने पूछताछ की तो आरोपियों द्वारा कहा गया कि मामला कहीं फंसा हुआ है और जल्दी ही सैलरी आ जाएगी। घटना के लगभग 7 सालों बाद कुछ सोशल वर्कर और अन्य लोगों की मदद से पीड़ित महिला ने माहिम पुलिस स्टेशन में अपनी शिकायत दर्ज कराई।पुलिस ने इस मामले में मनोज जाधव, सुरेश मखवाना और जितेंद्र सोलंकी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।