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महाराष्ट्र : कोरोना वायरस से महाराष्ट्र पुलिस के 28,500 कर्मी संक्रमित, 312 की गई जान

कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम योद्धा बनकर सामने आए इन पुलिसकर्मियों ने लॉकडाउन के दौरान नियमों को सख्ती से लागू कराने में अहम भूमिका निभाई।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 26, 2020 14:41 IST
महाराष्ट्र : कोरोना...- India TV Hindi
Image Source : PTI महाराष्ट्र : कोरोना वायरस से महाराष्ट्र पुलिस के 28,500 कर्मी संक्रमित, 312 की गई जान  

मुंबई। महाराष्ट्र पुलिस के लिए 2020 का पूरा साल काफी मुश्किलों भरा रहा। कोरोना वायरस महामारी के बीच वायरल हुआ एक मार्मिक वीडियो मुंबई और महाराष्ट्र पुलिस की 2020 की पूरी कहानी बयां करता है। उस वीडियो में एक बच्चा ड्यूटी के लिए घर से निकल रहे अपने पुलिसकर्मी पिता से घर पर रहने के लिए गुहार लगा रहा है क्योंकि ‘‘बाहर कोरोना है’’। कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम योद्धा बनकर सामने आए इन पुलिसकर्मियों ने लॉकडाउन के दौरान नियमों को सख्ती से लागू कराने में अहम भूमिका निभाई। इसके लिए पुलिस कर्मियों को भारी कीमत चुकानी पड़ी और राज्य भर में 312 पुलिस कर्मियों की जान चली गई और लगभग 28,500 कर्मी संक्रमित हुए। 

मुंबई पुलिस को अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या मामले में राजनीतिक दांवपेच का शिकार भी होना पड़ा और आलोचनाएं झेलनी पड़ीं। मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने पीटीआई-भाषा को बताया, “इस वर्ष को पुलिस अधिकारियों को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में उनके बलिदान के लिए याद किया जाएगा। मुंबई में कोविड-19 ने 98 पुलिस कर्मियों की जान ले ली। उनके बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा।” सिंह ने कहा कि महामारी के दौरान लगातार काम करना हमारी सबसे बड़ी प्रतिबद्धता वाला काम था, लेकिन पुलिस बल को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। महामारी के प्रकोप से पहले, नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक पंजी के खिलाफ शहर में भारी विरोध प्रदर्शन को संभालने में पुलिस व्यस्त रही। 

दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों पर बदमाशों द्वारा किए गए हमले के बाद छह जनवरी की रात सैकड़ों छात्रों और अन्य लोगों ने गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन किया। दिल्ली में शाहीन बाग आंदोलन की गूंज मुंबई में भी रही। महानगर के मोरलैंड रोड 'मुंबई बाग' विरोध प्रदर्शन स्थल में तब्दील हो गया। कोरोना वायरस प्रकोप के उभरने पर यह 56 दिनों के बाद समाप्त हो गया। मार्च में लॉकडाउन लागू होने के बाद, देश के अन्य हिस्सों के लाखों प्रवासी श्रमिक मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य शहरों में फंसे हुए थे। पुलिस ने उन्हें भोजन उपलब्ध कराने और उनकी सुरक्षा का ध्यान रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। 

महामारी के दौरान अपराध दर में तो गिरावट आई, लेकिन इसको लेकर सोशल मीडिया पर अफवाहों की बाढ़ आ गई, जिससे निपटने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। पुलिस की साइबर अपराध शाखा ‘महाराष्ट्र साइबर’ ने अफवाह फैलाने वालों पर शिकंजा कसा। महाराष्ट्र पुलिस को तब भारी आलोचना का सामना करना पड़ा जब अप्रैल में पालघर जिले में दो जैन संतों और उनके चालक को बच्चा चोर होने के संदेह पर स्थानीय लोगों ने पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में पीट-पीटकर हत्या कर दी। मामले की जांच आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को सौंप दी गई है, जिसने अब तक 186 लोगों को गिरफ्तार किया है। बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की 14 जून को हुई मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया। ऐसे आरोप लगे कि वह फिल्म उद्योग के भीतर भाई-भतीजावाद और गुटबंदी का शिकार हो गए। बांद्रा पुलिस ने राजपूत की प्रेमिका और अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती समेत उद्योग के कई हस्तियों के बयान दर्ज किए। 

अक्टूबर में, मुंबई पुलिस ने टेलीविजन रेटिंग पॉइंट्स (टीआरपी) में हेराफेरी का खुलासा किया, जिसमें कथित तौर पर कुछ टीवी चैनल शामिल थे। पुलिस ने इस मामले में रिपब्लिक टीवी के दो वरिष्ठ अधिकारियों सहित 14 लोगों को गिरफ्तार किया। अलीबाग पुलिस ने चार नवंबर को रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी और दो अन्य लोगों को इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक को कथित तौर पर आत्महत्या के उकसाने के एक मामले में गिरफ्तार किया, जिसको लेकर काफी बवाल मचा। उच्चतम न्यायालय से जमानत मिलने पर आठ दिन बाद गोस्वामी को जेल से रिहा कर दिया गया।

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