राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर स्थित मुख्यालय पर आज 15 अगस्त को संघ प्रमुख मोहन भागवत के हाथों ध्वजारोहण किया गया। मुख्यालय में तैनात CISF के जवानों ने ध्वज को सलामी दी। इस दौरान संघ के स्वयंसेवक भी मौजूद थे। ध्वजारोहण के बाद भारत माता का पूजन भी किया गया। इसके बाद मोहन भागवत ने पड़ोसी देश बांग्लादेश के हाल का जिक्र किया। बांग्लादेश का नाम लिए बिना मोहन भागवत ने कहा कि पड़ोसी देश में बहुत उत्पात हो रहा है। वहां रहने वाले हिंदू बंधुवों को बिना कारण ही उसकी गर्मी झेलनी पड़ रही है।
'भारतवर्ष की परंपरा रही है'
संघ प्रमुख ने कहा कि भारत ऐसा है कि वह खुद की रक्षा और स्वयं की स्वतंत्रता इसका तो दायित्व है ही, हर देश का होता है लेकिन भारतवर्ष की परंपरा रही है कि भारत अपने आपको दुनिया के उपकार के लिए बड़ा करता है और इसलिए पिछले सालों में हमने देखा होगा कि हमने कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया, कुछ नहीं किया। जब-जब जो संकट में था, उसकी मदद की, वह हमारे साथ कैसा व्यवहार करता है इसको देखा नहीं, जो संकट में है उसकी मदद करना ये हमारा देश है, ऐसा हमको चलना है।
'हमारी मदद की जरूरत'
आगे उन्होंने कहा कि दुनिया भर के दुखी-पीड़ितों के लिए हम करते हैं, हमारी सरकार भी करती है, तो ऐसी परिस्थिति में अपना देश ठीक रहे और अन्य देशों को ठीक होना है, उनको हमारी मदद की जरूरत हो और उन देशों में जो अस्थिरता की अराजकता की गर्मी झेलने वाले जो लोग हैं। उनका कोई कष्ट न हो, उन पर कोई अत्याचार न हो, एक देश के नाते हमारे सिर पर है कुछ मामले तो सरकार को अपने स्तर पर ही करने पड़ते हैं। परंतु यह सब करके भी उनको शक्ति तब मिलती है जब समाज इस प्रकार की मनोवृत्ति लेकर, सजगता लेकर देश के लिए सबकुछ अर्पण करने के लिए जीता है।
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