महाराष्ट्र के नासिक में स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर में अन्य धर्म के लोगों के प्रवेश के बाद शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब राज ठाकरे ने इस पूरे विवाद को लेकर विरोध प्रदर्शन करने वाले हिंदू संगठनों पर जमकर निशाना साधा है। नासिक में पत्रकारों से बात करते हुए राज ठाकरे ने कहा, त्र्यंबकेश्वर मंदिर के परिसर में कई सदियों से चली आ रही परंपरा को रोकने का कोई अर्थ नहीं है। महाराष्ट्र में कई ऐसे मंदिर और मस्जिद है जहां पर कई सालों से हिंदू-मुसलमान की एकता दिखाई देती है। मुंबई की बात करें तो यहां माहिम के दरगाह पर चादर चढ़ाने का पहला सम्मान माहिम पुलिस स्टेशन के एक कॉन्स्टेबल को मिलता है।
"हिंदू धर्म कमजोर नहीं है"
गैरहिंदू लोगों के त्र्यंबकेश्वर मंदिर में प्रवेश करने के बाद कुछ हिंदू संगठनों ने मंदिर परिसर का शुद्धीकरण किया था। इन हिंदू संगठनों का आरोप था कि गैर हिंदूओं के जबरन प्रवेश से धर्म भ्रष्ट हो गया है और इसीलिए शुद्धीकरण किया गया। धर्म भ्रष्ट होने का दावा करने वालों को राज ठाकरे ने आड़े हाथों लिया। ठाकरे ने कहा कि अन्य मजहब का कोई व्यक्ति अगर हमारे धर्म या फिर धर्म कार्य में शामिल होता है तो तुरंत हमारा धर्म भ्रष्ट हो जाए क्या इतना कमजोर है हिंदू धर्म? मैं भी कई दरगाह और मस्जिदों में गया हूं। सिर्फ हमारे ही धर्म में कुछ ही जाति के लोगों को गर्भगृह में प्रवेश दिया जाता है। आखिर ऐसे विवाद खड़े करने वाले यह लोग किस मानसिकता के हैं? मेरा मानना है कि त्र्यंबकेश्वर के गांव वाले ही इस पूरे विवाद पर बात करें, बाहरी लोगों को इस विवाद में पड़ने की जरूरत नहीं है।
"आखिर महाराष्ट्र में कौन दंगे करवाना चाहता हैं?"
राज ठाकरे ने आगे कहा कि जो बातें गलत हैं वह गलत हैं और इसीलिए मस्जिदों पर बजने वाले अवैध लाउडस्पीकर के खिलाफ मैंने बात की। माहिम के समुद्र में बने अवैध मजार पर मैंने आवाज उठाई। कई ऐतिहासिक किले और दुर्ग पर अवैध दरगाह बने है उन्हें हटाना ही चाहिए। जो बातें गलत है उस पर आपको प्रहार करना ही चाहिए लेकिन सिर्फ जानबूझकर दंगे हो इसीलिए कुछ खोदकर निकालना यह ठीक नहीं है। सवाल है कि आखिर किस को महाराष्ट्र में दंगे करवाने हैं?
"मराठी मुसलमानों के इलाकों में दंगे नहीं होते"
राज ने मराठी मुसलमानों को लेकर दावा किया कि बड़ी बात यह है कि महाराष्ट्र में जहां भी मराठी मुसलमान रहते हैं वहां कभी भी दंगे नहीं होते हैं। क्योंकि यह मराठी मुसलमान कई पीढ़ियों से महाराष्ट्र में रह रहे हैं, मराठी में बात करते हैं और इन जगहों पर जो सामंजस्य हैं उसे बेवजह कोई भी बिगाड़ने की कोशिश ना करें। जिस देश में हिंदू बहुसंख्यक हों वहां पर यह कहना कि हिंदू खतरे में हैं तो कैसे चलेगा? चुनाव करीब आने पर इस तरह के धार्मिक उन्माद बढ़ते जायेंगे।
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