महिला आरक्षण बिल पर हुए मतदान के दौरान सदन में अनुपस्थित रहने वाले ठाकरे सेना के 4 सांसदों के खिलाफ शिंदे सेना ने मोर्चा खोल दिया है। लोकसभा में शिवसेना के ग्रुप लीडर राहुल शिवाले ने इंडिया टीवी से कहा लोकसभा में अभी भी शिवसेना एक ही है और हमारे कुल 19 सांसद है। लोकसभा में शिवसेना का ग्रुप लीडर मैं हूं और चीफ व्हीप भावना गवली है। महिला आरक्षण बिल के पहले हमने शिवसेना के सभी 19 सांसदों के लिए व्हीप जारी किया था। लेकिन वोटिंग के दौरान विनायक राउत, राजन विचारे, संजय जाधव, ओमराजे निंबालकर अनुपस्थित थे। गैरहाजिर रहने वाले ये चारो सांसद ठाकरे गुट के है। इस मतदान के अलावा हमने एक बैठक भी बुलाई थी लेकिन उस बैठक में भी लोकसभा के ये चार सांसद नहीं आए थे। अब सीएम शिंदे ने इन चारों सांसदों पर कार्रवाई करने के आदेश दिया है ताकि महिला आरक्षण पर ठाकरे सेना का दोहर चरित्र उजागर हो सकें।
लॉबी में घूम रहे थे लेकिन सदन में नहीं आए विधायक
शिंदे सेना के मुताबिक, 14 सितंबर को शिवसेना की तरफ भावना गवली ने तीन लाइन का व्हीप जारी किया था। इस व्हीप में सभी 19 सांसदों को विशेष सत्र के दौरान सदन में मौजूद रहने के लिए कहा गया था। लेकिन बिल पर मतदान के वक्त विनायक राउत, ओमराजे निंबालकर, संजय जाधव और राजन विचारे सदन में मौजूद नहीं थे। आरोप है कि मतदान के वक्त संजय जाधव और ओमराजे निंबालकर लॉबी में घूम रहे थे लेकिन सदन में नहीं आए। शिंदे सेना का दावा है कि, लोकसभा में अभी भी शिवसेना एक ही है और स्पीकर ने ग्रुप लीडर के तौर पर राहुल शेवाले और व्हीप के तौर पर भावना गवली को मान्यता दी है। पिछले 11 महिने में ठाकरे सेना की तरफ से लोकसभा स्पीकर को संपर्क कर वो अलग गुट है इस तरह की कोई जानकारी नहीं दी गई है। नई संसद में सांसदों के सिटिंग अरेंजमेंट की प्रक्रिया के दौरान ठाकरे सेना ने राहुल शेवाले से संपर्क किया था। शेवाले ने ही ठाकरे सेना के सांसदों के बैठने की औपचारिकता को पूरा किया था।
सस्पेंड होंगे 4 सासंद!
शिंदे सेना के मुताबिक, मोदी सरकार पर लाए गए अविश्वास प्रस्ताव (No Confidance Motion) के दौरान भी ठाकरे सेना के सांसदों ने व्हीप का उल्लंघन किया था। सीएम एकनाथ शिंदे ने ग्रुप लीडर राहुल शेवाले को आदेश दिया है कि मतदान के दौरान सदन में अनुपस्थित रहने वाले 4 सांसदों को निलंबित करने करने के लिए लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखे। इस संदर्भ में राहुल शेवाले ने कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है।
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