मुंबई के मुलुंड इलाके की एक मराठी महिला को सोसाइटी में जगह न देने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अब महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। इस मामले के बारे में जानकारी मिलते ही मुंबई पुलिस ने सोसाइटी के सेक्रेटरी के ख़िलाफ FIR दर्ज की है और जांच शुरू कर दी है। अब इस मामले में शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने सीएम एकनाथ शिंदे पर निशाना साध दिया है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, तृप्ति देवरुखकर नाम की मराठी महिला अपने पति के साथ एक सोसाइटी में देखने गई थी। उन्हें मूलुंड स्थित शिवसदन नाम की इमारत में घर किराए पर लेना था। हालांकि, यहां सोसाइटी का सेक्रेटरी प्रवीणचंद्र तन्ना जो 80 साल का बुजुर्ग है, उसके द्वारा महिला से ये कहा गया कि इस सोसाइटी में मराठी लोगों को जगह नहीं दी जाती। महिला के अनुसार, जब उसने ये नियम लिखित में दिखाने की मांग की तो बुजुर्ग चिढ़ गए और महिला से कहा कि जिधर जाना है जाओ, पुलिस में शिकायत करो मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
गाली-गलौच और मारपीट
महिला ने बताया कि बुजुर्ग द्वारा ऐसी बात कहने पर वो वहां से निकलने लगी। लेकिन सोसाइटी के सेक्रेटरी के बेटे निलेश तन्ना ने उन्हें रोककर उनसे पूछताछ की। इतने में बुजुर्ग वहां चिल्लाते हुए आया और गालियां देने लगा। महिला ने बताया कि ये सब होने की वजह से मैंने अपना मोबाइल निकालकर वीडियो बनाना शुरू किया। महिला के अनुसार, लोगों ने उनके पति के साथ मारपीट की और धक्कामुक्की की। महिला ने रोते हुए कहा कि महाराष्ट्र में मराठी लोगों को जगह नहीं मिल रही है। हम महाराष्ट्र में नहीं तो क्या गुजरात में रहेंगे।
पुलिस ने दर्ज किया मामला
इस वीडियो के वायरल होने के बाद MNS कार्यकर्ता सोसाइटी पहुंचे। हालांकि, सेक्रेटरी की उम्र देख उसे महिला से माफी मंगवाकर छोड़ दिया गया। लेकिन मामले के ज्यादा बढ़ने पर महिला ने मुलुंड पुलिस स्टेशन में इस बात की शिकायत की। शिकायत के आधार पर प्रवीणचन्द्र और निलेश के खिलाफ पुलिस ने IPC की धारा 341, 323, 504 और 34 के तहत मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी है।
नेता भी मैदान में उतरे
शिवसेना (ठाकरे गुट) के सांसद संजय राउत ने ट्वीट करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से सवाल पूछा कि “इतनी हिम्मत कहां से आई? यह मुद्दा मुलुंड में एक मराठी व्यक्ति को जगह न देने तक के लिए सीमित नहीं है। और भी बहुत कुछ है। यह हिम्मत कहां से आई? इसका जवाब एकनाथ शिंदे और उनके महामंडल को देना चाहिए। बीजेपी ने इन समूहों की ताकत बढ़ाने के लिए शिवसेना को तोड़ दिया। मराठी लोगों को मारने की इस योजना को विफल कर दिया जाएगा। जो लोग कहते हैं कि हमारी शिवसेना असली है, वे बेनकाब हो गए हैं। तृप्ति देवरुखकर के आंसू बर्बाद नहीं होंगे। जय महाराष्ट्र"। वहीं, दूसरी ओर राज्य की महिला आयोग की अध्यक्ष और NCP की नेता रूपाली चाकनकर ने भी ट्वीट कर कहा की ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
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