मराठा आरक्षण के आंदोलन ने पूरे महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल ला दिया है। आंदोलनकारियों ने राज्य के विभिन्न जिलों में जमकर हिंसा की है और सरकारी भवनों व नेताओं के घरों-दफ्तरों को आग के हवाले कर दिया है। इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है। अब खबर आई है कि इस बैठक में एनसीपी के प्रमुख शरद पवार भी शामिल होने वाले हैं।
विशेष सत्र की मांग
दूसरी ओर सुनील तटकरे के नेतृत्व में उपमुख्यमंत्री अजित पवार के घर देवगिरी पर उनके गुट के नेताओं ने भी बैठक की। बैठक में एकमत होकर फैसला किया गया कि राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए और यहां मराठा आरक्षण को लेकर निर्णय किया जाए। बैठक में ये भी कहा गया कि सभी नेता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से बात करेंगे और मराठा आरक्षण के लिए विशेष सत्र की मांग करेंगे।
निमंत्रण पर भड़के संजय राउत
सीएम एकनाथ शिंदे द्वारा मुंबई के सह्याद्रि गेस्ट हाउस में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के लिए अलग-अलग पार्टियों से 27 शीर्ष नेताओं को निमंत्रित किया गया है। इनमें शरद पवार, नाना पटोले, प्रकाश अंबेडकर व अशोक चव्हाण के नाम शामिल हैं। इस निमंत्रण पर संजय राउत ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने उद्धव गुट के किसी नेता को नहीं बुलाया। जिनके पास एक विधायक है उन्हें भी निमंत्रण भेजा, जिनके पास कोई विधायक नहीं है उन्हें भी निमंत्रण है। लेकिन शिवसेना (यूबीटी) को नहीं अंबादास दानवे को विपक्ष के नेता के रूप में आमंत्रित किया गया है। राउत ने आगे कहा कि हमें मान नहीं चाहिए लेकिन सवाल हल करें, जरांगे पाटिल की जान बचाएं।
आरक्षण किसने गंवाया?- सीएम शिंदे
सर्वदलीय बैठक बुलाने के साथ ही राज्य के सीएम एकनाथ शिंदे ने विपक्षी दलों पर निशाना भी साधा है। शिंदे ने कहा कि सकल मराठा समाज जानता है कि उस समय कौन सरकार में थे और किन्होंने मराठा समाज का आरक्षण सुप्रीम कोर्ट में गंवाया है। हमारी सरकार राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि मराठा समाज बहुत ही शांतिप्रिय तरीके से आंदोलन करता है, कौन भड़काने का काम कर रहा है, आगजनी कर रहा है, इसपर सरकार का ध्यान है।
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