महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर विवाद बढ़ता ही चला जा रहा है। शुक्रवार को राज्य के जालना में मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। मौके पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया। इस घटना में कई लोगों के घायल होने की खबर सामने आई है। लाठीचार्ज के बाद से पूरे इलाके में में तनाव का माहौल बन गया है। राज्य के विपक्षी दलों ने इस घटना के बाद सरकार पर निशाना भी साधा है।
क्यों हो रहा आंदोलन?
अंतरवली-सरती गांव में मराठा मार्चा के संयोजक मनोज जारांगे पाटिल के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं का एक समूह विरोध प्रदर्शन कर रहा है। शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई। भीड़ को शांत करने गए पुलिस कर्मियों और प्रशासन पर पथराव के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
विपक्षी दलों सरकार को घेरा
प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने इस घटना के लिए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस को दोषी ठहराया है। उन्होंने स्थिति से इस तरह निपटने के लिए राज्य के गृह विभाग की आलोचना की। पवार ने पुलिस कार्रवाई के लिए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस को दोषी ठहराया है।
आरक्षण हुआ था रद्द
मराठा समुदाय को सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग अधिनियम 2018 के अनुसार शिक्षा और सरकारी नौकरियों के क्षेत्र में कोटा आवंटित किया गया था। हालांकि, साल 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने 50% सीमा और संविधान के 102वें संशोधन का उल्लंघन करने की दलील देते हुए आरक्षण देने वाले आदेश को रद्द कर दिया था।
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