महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन का प्रमुख चेहरा मनोज जरांगे पाटिल की तबीयत बिगड़ गई है। पाटिल को बीड जिले के अम्बा जोगई के थोराट अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दरअसल पाटिल अम्बाजोगई में एक सभा में भाग लेने गए थे। यहां सभा में भाग लेने के बाद उनकी तबीयत खराब हो गई। बता दें कि 40 वर्षीय मनोज जरांगे पाटिल ने 2014 के बाद से कई आंदोलन किए हैं जो ज्यादा चर्चा में नहीं रहे। उनके ज्यादातर विरोध प्रदर्शनों की गूंज जालन तक ही सिमट के रह गई। हाल ही में उन्होंने मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर भूख हड़ताल की। कई बार यह विरोध प्रदर्शन हिंसक हुआ तो कई बार पाटिल की तबीयत भी बिगड़ी।
मनोज जरांगे पाटिल मराठा आंदोलन का बड़ा चेहरा
मराठा आरक्षण आंदोलन का बढ़ता विवाद देख महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे आंदोलनकारी नेता मनोज जरांगे पाटिल से मिलने पहुंचे और उन्होंने वादा किया कि वो मराठा समुदाय को कुनबी जाति की कैटेगरी में शामिल करेंगे। सीएम के आश्वासन के बाद पाटिल ने आमरण अनशन को खत्म कर दिया। बता दें कि इस आंदोलन के बाद मराठा आंदोलन का प्रमुख चेहरा बनकर उभरे मनोज जरांगे पाटिल को आज महाराष्ट्र ही नहीं देशभर में हर कोई जानता है। मनोज जरांगे पाटिल ने इस आंदोलन की शुरुआत साल 2011 में की थी। साल 2023 में अबतक उन्होंने 30 हजार से ज्यादा बार आरक्षण के लिए आंदोलन किया।
कौन हैं मनोज जरांगे पाटिल
बता दें कि मनोज जरांगे पाटिल को महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन का मुख्य चेहरा माना जाता है। मराठवाड़ा क्षेत्र में पाटिल का बहुत सम्मान है। साल 2016 से 2018 तक जालना में मराठा आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व भी मनोज जरांगे पाटिल ने ही किया था। बता दें कि मनोज की आयु 42 वर्ष है जो मूलरूप से महाराष्ट्र के बीड जिले के रहने वाले हैं। करीब 20 साल पहले सूखे से परेशान उनके पिता ने जालना के अंकुश नगर में आकर बस गए। मनोज के 4 भाई हैं। पाटिल आज मराठा समाज का नेतृत्व करने वाले बड़े नेता बन चुके हैं।