मराठा समाज को आरक्षण दिलाने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जरांगे पाटिल ने आखिरकार अनशन तोड़ दिया है। बीते कई दिनों से सीएम एकनाथ शिंदे समेत महाराष्ट्र सरकार के कई नेता जरांगे से अनशन त्यागने की अपील कर रहे थे। मनोज जरांगे बीते 17 दिनों से महाराष्ट्र के जालना जिले के एक गांव में आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हुए थे।
इन्होंने तुड़वाया अनशन
जालना में आंदोलनकारी मनोज जरांगे का अनशन तुड़वाने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे पाटिल और महाराष्ट्र कैबिनेट के कई मंत्री पहुंचे थे। सभी ने मिलकर मनोज जरांगे के 17 दिनों से जारी अनशन को खत्म कराया। इससे पहले जरांगे ने भी घोषणा की थी कि वह अपनी भूख हड़ताल मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और उदयन राजे भोंसले की उपस्थिति में तोड़ेंगे।
रखी बड़ी शर्त
मनोज जरांगे पाटिल ने ये शर्त रखी है कि वह भूख हड़ताल तोड़ेंगे लेकिन आंदोलन की जगह से नहीं हटेंगे। मनोज जरांगे ने सरकार को एक महीने का वक्त दिया है और कहा है कि एक महीने में आरक्षण के लिए जो भी जरूरी है वह करें। उन्होंने कहा कि ये आंदोलन जारी रहेगा और हम आरक्षण मांगते रहेंगे। वहीं, 12 अक्टूबर को मनोज जरांगे पाटिल ने मराठा समाज के एक बड़े सभा के आयोजन की घोषणा भी की है।
आरक्षण की मांग तेज
मराठा आरक्षण की मांग तेज होने पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हाल ही में सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक में सीएम शिंदे ने मराठा आरक्षण समर्थक प्रदर्शनकारियों पर दर्ज सभी मामलों को तत्काल प्रभाव से हटाने का फैसला किया। उन्होंने लाठीचार्ज में शामिल तीन पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने की भी घोषणा की थी।
ये भी पढ़ें- मराठा आरक्षण पर हो रही थी पीसी, शिंदे और फडणवीस की फुसफुसाहट हो गई लीक; VIDEO
ये भी पढ़ें- I.N.D.I.A की बैठक पर भड़के बीजेपी प्रवक्ता नितेश राणे, कहा- हिंदू धर्म के खिलाफ बना है गठबंधन