मुंबई: मराठा आरक्षण विधेयक एकमत से महाराष्ट्र विधानसभा से पास हो गया। इसमें मराठा समुदाय के लोगों को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी का आरक्षण मिलेगा। विधानसभा के विशेष सत्र में यह विधेयक सर्वसम्मति से पास हो गया। वहीं मराठा आरक्षण विधेयक विधानसभा से पारित होते ही लोगों में लोग जश्न मनाने लगे। महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर भी लोग ढोल मंजीरे के साथ जश्न मनाते हुए नजर आए। महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि विपक्षी दलों की भी यही राय है कि मराठा समुदाय को आरक्षण दिया जाए।
हम जाति या धर्म के आधार पर नहीं सोचते-शिंदे
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की गठबंधन सरकार ने मंगलवार को 10 प्रतिशत मराठा कोटा के जिस विधेयक को मंजूरी दी है, वह तत्कालीन देवेंद्र फड़नवीस सरकार द्वारा पेश किए गए सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग अधिनियम, 2018 के समान है। एक दशक में यह तीसरी बार है जब राज्य ने मराठा कोटा के लिए कानून पेश किया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में कहा कि मैं राज्य का सीएम हूं और सभी के आशीर्वाद से काम करता हूं। हम जाति या धर्म के आधार पर नहीं सोचते हैं। हमारे प्रधानमंत्री हमेशा कहते हैं सबका साथ, सबका विकास।
धमकियां दे रहा मनोज जरांगे पाटिल
वहीं सीनियर नेता छगन भुजबल ने बहस के दौरान कहा कि वे मराठा आरक्षण का समर्थन करते हैं लेकिन मनोज जरांगे पाटिल रोज धमकियां दे रहा है कि इसको टपका देंगे.. उसको टपका देंगे.. इस तरह की धमकियां वह दे रहा है। भुजबल ने कहा कि मुझे भी धमकियां दे रहा है और डर का माहौल है। उन्होंने आरोप लगाया कि मनोज जरांगे पाटिल अधिकारियों को भी गाली दे रहा है। इसका संज्ञान आप लें। इस पर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि सरकार इसका संज्ञान लें और उचित कार्रवाई करे।