मराठा आंदोलन खत्म हो चुका है और मनोज जरांगे पाटिल ने अपना अनशन तोड़ दिया है। बता दें कि 17 दिनों बाद मनोज जरांगे पाटिल ने ये अनशन वापस लिया है। इस अनशन को लेकर मनोज जरांगे पर अलग-अलग दलों के नेताओं ने बयान जारी किया है। इसपर छगन भुजबल ने बयान देते हुए कहा कि क्या हो रहा है वह दुनिया देख रही है। उसे कुछ समझ नहीं आता। वह मुख्यमंत्री को गालियां बक देता है। बाकी के नेताओं को अभ्यास होता था, इसका कोई भी अभ्यास नहीं है। ये गली से उठकर आया है। उन्होंने कहा कि अब पुलिस विभाग जाग गई है और मनोज जरांगे के पीछे कौन है, ये सब काला चिट्ठा सामने आ जाएगा। अब उसी के करीबी लोग उसके खिलाफ बोलने लगे हैं।
मनोज जरांगे पाटिल पर किसने क्या कहा?
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोल ने कहा कि मुख्यमंत्री और जरांगे पाटिल की क्या बात हुई है, वो सामने आनी चाहिए। सब बातें सामने आनी चाहिए। जो झूठ कहा है, वो अब सामने आ रही है। यह खेल बहुत बड़ा है। मुख्यमंत्री का पीए वहीं बैठा रहता था। उन्होंने कहा कि जरांगे पाटिल के आंदोलन पर सौम्य लाठीचार्ज क्यूं कराया गया। मुझे मुख्यमंत्री से यही कहना है कि आपकी बात जो जरांगे पाटिल के साथ हुई है, उसे सार्वजनिक करें। अबतक तो जरांगे पाटिल सबको गाली दे रहा थ। मुझे भी वह गाली दे रहा था। छगन भुजबल सभागृह में कह रहे थे कि वो सबी को गाली दे रहा थआ. तब तो इस सरकार ने कुछ नहीं कहा। अब इन पर गाली आई तो इनको लग रहा है कि वो गाली दे रहा है।
पाटिल की बोल रहे शरद पवार गुट की भाषा
मनोज जरांगे पाटिल को लेकर शिवसेना के मंत्री शंभु राज देसाई ने कहा कि वो जिस भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, उसकी जांच की जानी चाहिए। हम मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से मांग करते हैं कि जरांगे पाटिल के पूरे बयान की जांच की जाए और उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। मोनज जरांगे पाटिल आंदोलन क्यों कर रहे हैं यह समझ नहीं आ रहा है। 10 प्रतिशथ आरक्षण अलग से दिया है और कुनबी सर्टिफिकेट भी दिया जा रहा है, फिर ये आंदोलन क्यों। वहीं भाजपा के विधायक नितेश राणे ने कहा कि मनोज जरांगे पाटिल अब उद्धव ठाकरे और शरद पवार गुट की भाषा बोल रहे हैं। उन्हें गाली देने का अधिकार किसे दिया। जरांगे पाटिल अब राजनीतिक बयानबाजी कर रहे हैं।