मुंबई: महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदें ने मराठा आंदोलन के नेता जरांगे पाटिल की मांगों को मान लिया है। इसके साथ ही सीएम एकनाथ शिंदे ने मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल को जूस पिलाकर उनका अनशन तोड़ा। जरांगे ने कल ही इस बात की जानकारी दी थी कि उनकी मांगे मान ली गई हैं। इस मौके पर सीएम शिंदे सभा स्थल पर पहुंचे और उन्होंने कहा कि मनोज जरांगे पाटिल मैं आपको बतौर मुख्यमंत्री बताना चाहता हूं कि सभी का ध्यान आपके आंदोलन पर था। अनुशासन का पालन करते हुए आप लोगों ने आंदोलन किया, किसी को भी तकलीफ नहीं होने दी।
सीएम ने बताया ऐतिहासिक क्षण
सीएम शिंदे ने कहा कि मैं भी किसान का बेटा हूं, मैंने भी सार्वजनिक तौर पर शपथ ली थी और आज वो शपथ हमने पूरी भी की। आज मेरे गुरु आनंद दिघे की जयंती भी है। मैं यहां आए सभी लोगों का स्वागत और अभिनदंन करता हूं। यह एक ऐतिहासिक क्षण है, यह आम लोगों की सरकार है। हमने वोटों के लिए नहीं, जनता की भलाई के लिए फैसले लिए हैं। मराठा समाज ने कई व्यक्तियों को बड़ा नेता बनाया। उन्होंने कहा कि कुनबी के रिकॉर्ड मराठवाड़ा में नहीं मिलते थे, पर अब मिलने लगे हैं क्योंकि ये हमारी सरकार की मानसिकता देने की है।
मनोज जरांगे पाटिल ने तोड़ा अनशन
वहीं मनोज जरांगे ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि सरकार ने मराठा समुदाय के लोगों के उन सभी रिश्तेदारों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र जारी करने के लिए एक अधिसूचना जारी की है, जिनके रिकॉर्ड (कुनबी जाति से जुड़े) पाए गए हैं। उन्होंने नवी मुंबई के वाशी में यह घोषणा की। वह शुक्रवार रात को वाशी पहुंचे थे और वह एवं उनके हजारों समर्थक रात भर वहीं रहे। वहीं रात को ही जरांगे ने कहा था कि सरकार ने उनकी मांगों को मान लिया है, इसलिए अब हम अपना आंदोलन समाप्त कर देंगे। इसी क्रम में आज सीएम शिंदे ने जरांगे का अनशन तुड़वाया।
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